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    UP में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे कनेक्टिविटी की तैयारी, भूमि चिह्नित करने का काम पूरा

    Updated: Sun, 18 May 2025 03:51 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने रोप-वे कनेक्टिविटी की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में चित्रकूट स्थित महर्षि वाल्मीकि ...और पढ़ें

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    पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोप-वे कनेक्टिविटी की तैयारी। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों को रोप-वे कनेक्टिविटी की सुुविधा भी प्रदान की जाएगी। पर्यटन विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। रोप-वे परियोजना के तहत पहले चरण में चित्रकूट स्थित महर्षि वाल्मीकि आश्रम और महोबा के गोरख गिरी पर्वत पर स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दोनों परियोजनाओं के लिए क्रमशः 8,920 वर्ग मीटर व 9,750 वर्ग मीटर भूमि चिह्नित करने का काम पूरा कर लिया गया है।

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    उत्तर प्रदेश बीते दो वर्षों से पर्यटकों की संख्या के मामले में देश में पहले स्थान पर है। वर्ष 2023-24 में 48 करोड़ पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया था। वर्ष 2024-25 में करीब 64 करोड़ पर्यटक उत्तर प्रदेश आए थे।

    प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थ व्यवस्था बनाने के लिए सरकार भी पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। यही वजह है कि प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों के लिए रोड कनेक्टिविटी से लेकर हवाई कनेक्टिविटी देने की योजनाओं के साथ-साथ पर्यटन विभाग ने अब पर्यटकों के लिए रोप-वे कनेक्टिविटी भी देने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    रोप-वे कनेक्टिविटी की तैयारी। जागरण (सांकेतिक तस्वीर)


    इसके लिए धार्मिक व अन्य पर्यटन स्थलों का चयन किया जा रहा है कि कहां-कहां पर रोप-वे कनेक्टिविटी की जरूरत है। इसी सिलसिले में पहले चरण के लिए महर्षि वाल्मीकि आश्रम व गोरख गिरी पर्वत का चयन किया गया है।

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    इन दोनों रोप-वे का निर्माण भौगोलिक परिस्थितियों, मौसम और भूकंपीय स्थितियों, यात्रा पैटर्न और वर्ष भर होने वाले मौसमी बदलावों को ध्यान में रख कर किया जाएगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि चित्रकूट और महोबा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल हैं। सरकार का लक्ष्य आधुनिक ढांचे को विरासत से जोड़ना है, ताकि श्रद्धालु इन पवित्र स्थलों तक पूरे वर्ष सुरक्षित रूप से पहुंच सकें।