चाय पार्टी के बहाने गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान को दिखाई अपनी ताकत
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बंगले पर गुरुवार को आयोजित चाय-पार्टी ने कांग्रेस की आंतरिक सियासत में हलचल मचा दी है।
जयपुर, जागरण संवाददाता। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भले ही अभी नौ महीने बाकी हैं, लेकिन प्रदेश की सियासत काफी गरम हो चुकी है। दो लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में मिली जीत के बाद सबसे अधिक सियासत कांग्रेस में चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बंगले पर गुरुवार को आयोजित चाय-पार्टी ने कांग्रेस की आंतरिक सियासत में हलचल मचा दी है। कुल मिलाकर गहलोत ने चाय पार्टी के बहाने कांग्रेस हाईकमान को यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य में उनका कद किसी से छोटा नहीं है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के सम्मान में दी गई चाय-पार्टी में कांग्रेस के अधिकांश दिग्गज जुटे। हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. सीपी जोशी इस चाय-पार्टी में शामिल नहीं हुए। इसके पीछे कारण दोनों का दिल्ली में होना बताया जा रहा है। गहलोत की इस चाय-पार्टी में सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी, जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बिहार के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाडि़या और गुजरात की पूर्व राज्यपाल श्रीमती कमला भी इस चाय-पार्टी में शामिल हुई। कांग्रेसी दिग्गजों का कहना है कि गहलोत ने इस चाय-पार्टी के माध्यम से पार्टी नेतृत्व को यह संदेश देने की कोशिश की है कि राज्य के अधिकांश कांग्रेसी नेता अब भी उनके साथ हैं। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल पहले भी जयपुर आती रही हैं, लेकिन गहलोत ने पहले कभी इस तरह का आयोजन नहीं किया। लेकिन अब उप चुनावों में जीत का श्रेय लेने में जुटे पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट को राजनीतिक मात देने और पार्टी नेतृत्व को संदेश देने के लिहाज से यह चाय-पार्टी आयोजित की गई। चाय-पार्टी के बाद गहलोत ने कांग्रेसी नेताओं से बंद कमरे में व्यक्तिगत बातचीत भी की।