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    Apple और Samsung के अपकमिंग प्रीमियम फोन में होगी स्टैक्ड बैटरी, जानें क्या है ये टेक्नोलॉजी और बेनिफिट

    By Subhash GariyaEdited By: Subhash Gariya
    Updated: Tue, 18 Jul 2023 07:30 PM (IST)

    Stacked Battery Technology Apple के अपकमिंग iPhone 15 लाइनअप और Samsung के Galaxy S24 सीरीज में स्टैक्ड बैटरी दी जा सकती हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि कंपनी बेहतर बैटरी लाइफ के लिए अपकमिंग फोन्स में स्टैक बैटरी देने की प्लानिंग कर रही हैं। स्टैक्ड बैटरी को लेकर कहा जाता है कि ये ज्यादा एनर्जी डेंसिटी और बेहतर कैपेसिटी ऑफर करती हैं।

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    What is Stacked battery technology check all details and benefits.

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। Apple और Samsung के अपकमिंग प्रीमियम स्मार्टफोन अगले कुछ महीनों में लॉन्च होने वाले हैं। इनमें iPhone 15 सीरीज और Galaxy S23 सीरीज का हम सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एपल और सैमसंग के अपकमिंग फोन के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन को लेकर तमाम तरह की जानकारी सामने आने लगी है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस साल दोनों ही कंपनियां iPhone 15 सीरीज और Galaxy S24 सीरीज में बेहतर बैटरी परफॉर्मेंस के लिए स्टैक्ड बैटरी टेक्नोलॉजी ऑफर कर सकती हैं। यहां हम आपको इस बैटरी टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।

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    स्टैक्ड बैटरी टेक्नोलॉजी क्या है?

    स्टैक्ड बैटरी तकनीक को टेक्निकल रूप में स्टैक्ड सेल या स्टैक्ड कॉन्फिगरेशन के नाम से जाना जाता है। इस टेक्नोलॉजी में बैटरी को इस तरह डिजाइन किया जाता है कि इसकी एनर्जी डेंसिटी और कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए सेल को एक दूसरे के ऊपर प्लेस किया जाता है।

    इस टेक्नोलॉजी में बैटरी के सेल को व्यवस्थित करने के लिए इन्हें वर्टिकल रूप में स्टोर किया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा जगह को यूज किया जा सके। सरल शब्दों कहा जाए तो बैटरी में कैथोड और एनोड एक एक ऊपर एक रखा जाता है। इनके बीच में सेपरेटर की परत रखी जाती है।

    स्मार्टफोन के लिए क्यों है बेहतर?

    • स्मार्टफोन के लिए स्टैक्ड बैटरी टेक्नोलॉजी बड़े काम की हो सकती है। स्मार्टफोन के अंदर बैटरी के लिए लिमिटेड जगह होती है ऐसे में इसकी मदद से फोन कंपनियां आसानी से बैटरी कैपेसिटी बढ़ा सकते हैं। 
    • इसके अलावा, स्टैक्ड बैटरी टेक्नोलॉजी सिंगल-सेल बैटरी की तुलना में हाई वोल्टेज आउटपुट भी ऑफर करती है। स्टैक्ड बैटरी में एक से ज्यादा सेल को एक सीरीज में जोड़कर वोल्टेज बढ़ाया जा सकता है।
    • यह हाई वोल्टेज आउटपुट ज्यादा पावर कंजप्शन वाले डिवाइसेस जैसे स्मार्टफोन के लिए एडवांटेज हो सकता है। इससे बैटरी की परफॉर्मेंस को बेहतर करने के साथ-साथ फास्ट चार्जिंग स्पीड को भी बढ़ाया जा सकता है।

    स्टैक्ड बैटरी के बेनिफिट

    • हायर एनर्जी डेंसिटी
    • स्टेबल स्ट्रक्चर
    • हायर सिक्योरिटी
    • लंबी बैटरी लाइफ

    स्टैक्ड बैटरी में सेल को एक के ऊपर एक रखा जाता है। ऐसा करने से बैटरी बॉक्स की ज्यादा से ज्यादा जगह इस्तेमाल होती है। दूसरी ओर, वाइंडिंग प्रोसेस में सेल को रोल करते हुए बाइंड किया जाता है, जिससे बैटरी बॉक्स में कुछ जगह बच जाती है। इससे पूरे सरफेस एरिया का इस्तेमाल नहीं हो पाता है। यही कारण है कि स्टैक्ड बैटरी में हायर एनर्जी डेंसिटी मिलती है।

    बैटरी के इस्तेमाल के दौरान कैथोड और एनोड का आकार बदलता है। ये एक्सपेंड होते हैं। वाइडिंग टेक्नीक में इन्हें पर्याप्त जगह नहीं मिलती है। दूसरी ओर स्टैक्ड बैटरी में सेल को परत-दर परत रखा जाता है। जो इसके डिजाइन को पहले से ज्यादा स्टेबल बनाता है। इसके साथ

    स्टैक्ड बैटरी टेक्नोलॉजी स्मार्टफोन में लगी बैटरी की सेफ्टी बढ़ाती हैं। इसमें बैटरी सेल को इन्सुलेशन के साथ अलग-अलग परत में लगाया जाता है। ऐसा करने से थर्मल या फिर बैटरी फेलियर के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है। इस डिजाइन का एक फायदा यह भी है कि इसमें किसी संभावित समस्या का प्रभाव पूरी बैटरी पर न पड़कर सिंगल सेल में होता है, जिससे यह एक सुरक्षित विकल्प बन जाता है।

    स्टैक्ड बैटरी सेल में ज्यादा टैब होते हैं, ऐसे में इलेक्ट्रॉन ट्रांसमिशन डिस्टेंस और रेजिस्टेंस (प्रतिरोध) कम हो जाता है। इससे बैटरी के हीट कम हीट होती है, जो इसकी लाइफ को बढ़ाने के साथ-साथ इसे सेफ भी बनाता है। यही कारण है कि स्टैक्ड बैटरी की परफॉर्मेंस भी बेहतर होती है।

    कितनी असरदार हैं स्टैक्ड बैटरी

    कम इंटरनल रेजिस्टेंस (प्रतिरोध), लंबी लाइफ, हायर स्पेस यूटिलाइजेशन और हाई एनर्जी डेंसिटी इसे बेहतर बैटरी टेक्नोलॉजी बनाती है। बैटरी परफॉर्मेंस की बात करें तो वाइंडिंग टेक्नोलॉजी की तुलना में इसकी एनर्जी डेंसिटी 5 प्रतिशत, बैटरी साइकिल लाइफ 10 प्रतिशत बढ़ जाती है। इसके साथ ही बैटरी कॉस्ट 5 प्रतिशत कम हो जाती है।