केबल टीवी के नए नियम से यूजर्स के मासिक बिल हुए कम: TRAI
1 फरवरी 2019 से ही TRAI का नया केबल टीवी और डीटीएच नियम लागू है। इसमें यूजर्स को केवल उन्हीं चैनल्स के लिए भुगतान करना पड़ता है जिसे वो देखना चाहते हैं
नई दिल्ली (टेक डेस्क)। TRAI ने केबल टीवी और डीटीएच के नए नियम के आने से ब्रॉडकास्ट टैरिफ में पारदर्शिता आई है। इस नए नियम के आने से एवरेज टीवी यूजर्स के मासिक बिल में भी कमी आई है। TRAI के चेयरमैन आर एस शर्मा ने बताया कि, नया ब्रॉडकास्ट टैरिफ बढ़िया तरीके से काम कर रहा है। नए नियम के लागू हो जाने से हजारों केबल टीवी और डीटीएच यूजर्स के मासिक बिल में कमी आई है। किसी भी कंज्यूमर का बिल उसके चैनल के सब्सक्रिप्शन पर निर्भर करता है। अगर कोई कंज्यूमर ज्यादा चैनल्स देखते हैं तो उनका बिल स्वाभाविक है कि ज्यादा होगा। लेकिन, अगर ग्राहक केवल 25 चैनल्स ही देखते हैं तो उनके बिल में एक तिहाई तक कमी आई है।
आपको बता दें कि 1 फरवरी 2019 से ही TRAI का नया केबल टीवी और डीटीएच नियम लागू है। इसमें यूजर्स को केवल उन्हीं चैनल्स के लिए भुगतान करना पड़ता है जिसे वो देखना चाहते हैं। इस नियम के लागू हो जाने के बाद से यूजर्स से केवल 130 रुपये बिना टैक्स के) NCF (नेटवर्क कैपेसिटी फेयर) के तौर पर वसूला जाता है। TRAI के मुताबिक, इस नए नियम के लागू होने की वजह से केबल टीवी सब्सक्राइबर्स और ऑपरेटर्स के बीच में एक पारदर्शिता आई है। इससे पहले ब्रॉडकास्टर, डिस्ट्रीब्यूटर्स और ऑपरेटर्स के बीच में सारी दरें तय होती थी, कंज्यूमर्स को कुछ भी पता नहीं चलता था।
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TRAI ने ये उन शिकायतों का जबाब देते हुए कहा, जिसमें यह बताया जा रहा था कि नए नियम के लागू हो जाने से यूजर्स को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। TRAI ने कहा कि नए नियम को लागू करने का मुख्य उदेश्य यूजर्स के बिल को कम करना या बढ़ाना नहीं है, इसके पीछे की मुख्य वजह एक चैनल्स का एक बफे (समूह) तैयार करना है जिसमें सभी को एक समान चार्ज किया जाए। इसके अलावा हमने a-la-carte मॉडल भी तैयार किया है जिसमें यूजर्स अपने पसंद के चैनल्स का चुनाव कर सकते हैं। यूजर्स जिस चैनल को नहीं देखते हैं या नहीं देखना चाहते हैं उसके लिए उन्हें कोई चार्ज नहीं देना पड़े। फरवरी में नए नियम के लागू होने के बाद प्राधिकरण ने पुराने मॉ़डल से नए मॉडल में स्विच करने की डेडलाइन बढ़ाकर 31 मार्च कर दी थी।
TRAI के मुताबिक, अगर कोई यूजर टॉप 10 चैनल्स का चुनाव करता है तो उसका बिल 230 रुपये महीने से 25 फीसद बढ़कर 300 रुपये महीने तक पहुंच जाता है लेकिन अगर यूजर्स केवल टॉप 5 चैनल्स का ही चुनाव करता है तो उसका बिल काफी कम हो जाता है। TRAI ने कहा, BARC के नए व्यूइंग पैटर्न के मुताबिक 80 फीसद सब्सक्राइबर्स 40 या उससे ज्यादा चैनल्स देख रहे हैं या उसे फ्लिप कर रहे हैं।
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