Tatkal Booking New Rule: ट्रेन की तत्काल टिकट के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान, OTP से लगेगी कालाबाजारी पर रोक
Tatkal booking new rule भारतीय रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग में गड़बड़ी रोकने के लिए जल्द e-Aadhaar ऑथेंटिकेशन अनिवार्य करने जा रहा है। ये नियम जून 2025 क ...और पढ़ें
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। Tatkal booking new rules 2025: भारतीय रेलवे तत्काल टिकट बुकिंग (Tatkal Ticket Booking) में गड़बड़ी रोकने और प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए जल्द e-Aadhaar ऑथेंटिकेशन अनिवार्य करेगा। ये नियम जून 2025 के अंत तक लागू होगा। ये कदम केंद्र सरकार के तत्काल बुकिंग में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में बताया कि रेलवे जल्द तत्काल टिकट बुकिंग के लिए e-Aadhaar ऑथेंटिकेशन शुरू करेगा। उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक पोस्ट में लिखा, 'भारतीय रेलवे जल्द तत्काल टिकट बुकिंग के लिए e-Aadhaar ऑथेंटिकेशन शुरू करेगा। इससे सही यूजर्स को जरूरत के समय कंफर्म टिकट मिलेगा।'
तत्काल स्कीम यात्रियों को आखिरी समय में टिकट बुक करने की सुविधा देती है। टाउट्स और ऑटोमेटेड बॉट्स द्वारा गड़बड़ी के कारण इसकी आलोचना होती रही है। अधिकारियों के मुताबिक, कई फर्जी एजेंट्स फेक आइडेंटिटी या ऑटोमेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर नियम तोड़ते हैं, जिससे असल यात्रियों को तत्काल टिकट मिलना मुश्किल हो जाता है।

कैसे काम करेगा?
भारतीय रेलवे इस समस्या को हल करने के लिए तत्काल टिकट बुकिंग के दौरान e-Aadhaar बेस्ड वेरिफिकेशन अनिवार्य करेगा। ये नियम काउंटर और IRCTC ऑनलाइन बुकिंग दोनों पर लागू होगा। इसके लागू होने के बाद हर तत्काल टिकट बुकिंग वैलिड आधार कार्ड से डिजिटल रूप से जुड़ी होगी।
सही यात्रियों को फायदा
सही यात्रियों को प्राथमिकता देने के लिए, नया सिस्टम उन यूजर्स को पहले 10 मिनट की तत्काल बुकिंग विंडो में प्राथमिकता देगा, जिन्होंने अपने IRCTC अकाउंट को आधार से लिंक किया है। खास बात ये है कि इस शुरुआती समय में ऑथोराइज्ड IRCTC एजेंट्स को टिकट बुक करने की अनुमति नहीं होगी। तत्काल बुकिंग विंडो के पहले 10 मिनट में केवल आधार-ऑथेंटिकेटेड इंडिविजुअल यूजर्स ही टिकट बुक कर सकेंगे। अक्सर बल्क बुकिंग और रीसेल का आरोप लगने वाले IRCTC एजेंट्स इस शुरुआती विंडो में काम नहीं कर सकेंगे।
फर्जी गतिविधियों पर रोक
ये नया नियम रेलवे के इंटरनल ऑडिट के बाद आया है, जिसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई। पिछले छह महीनों में 2.5 करोड़ से ज्यादा यूजर IDs को अनुचित गतिविधियों के शक में रद्द किया गया है। लगभग 20 लाख यूजर अकाउंट्स की अभी भी जांच चल रही है।
रेलवे में डिजिटल सुधारों का नेतृत्व कर रहे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि e-Aadhaar की जरूरत से पारदर्शिता बढ़ेगी, फर्जी बुकिंग कम होगी और सही यात्रियों को टिकट आसानी से मिलेगा।
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