एडवर्टिजमेंट इंडस्ट्री को बदलने की तैयारी में Meta, बिना प्रोडक्शन क्रू AI से पूरा ad बनाने का लक्ष्य
मेटा प्लेटफॉर्म्स AI के जरिए ad क्रिएशन को तेजी से बदलने की दिशा में काम कर रहा है। 2026 के अंत तक मेटा एडवरटाइजर्स को AI से टेक्स्ट विजुअल्स वीडियो और टारगेटिंग के साथ पूरा विज्ञापन बनाने की सुविधा देगा। ये छोटे बिजनेस के लिए गेम-चेंजर हो सकता है लेकिन बड़े ब्रांड्स AI को पूरा कंट्रोल देने से हिचक रहे हैं।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। मेटा प्लेटफॉर्म्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अपनी रफ्तार बढ़ा रहा है ताकि विज्ञापन बनाने और डिलीवर करने का तरीका बदला जा सके। कंपनी के प्लान से वाकिफ लोगों के मुताबिक, मेटा 2026 के अंत तक विज्ञापनदाताओं को AI - टेक्स्ट, विजुअल, वीडियो और टारगेटिंग का इस्तेमाल करके पूरी तरह से विज्ञापन बनाने में सक्षम बनाने की दिशा में काम कर रहा है। ये जानकारी वॉल स्ट्रीट जर्नल के हवाले से मिली है।
जकरबर्ग का विजन: हैंड्स-फ्री एडवरटाइजिंग
विज्ञापन पहले से ही मेटा के बिजनेस का मुख्य हिस्सा है, जो 2024 में 131 बिलियन डॉलर की आय का 97% से ज्यादा हिस्सा है। अब, CEO मार्क जकरबर्ग AI को न सिर्फ कोर बिजनेस बेहतर करने का तरीका मानते हैं, बल्कि इसे पूरी तरह बदलने का रास्ता भी देखते हैं।
जकरबर्ग ने मेटा के एनुअल शेयरहोल्डर मीटिंग में कहा, 'नजदीकी भविष्य में, हम चाहते हैं कि कोई भी बिजनेस हमें अपना मार्केटिंग गोल बताए।' 'हम बाकी सब उनके लिए करेंगे।'
सूत्रों के मुताबिक, भविष्य में एक छोटा बिजनेस प्रोडक्ट फोटो अपलोड करेगा, मार्केटिंग गोल और बजट बताएगा और मेटा का AI पूरा ad कैंपेन बनाएगा। AI फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्लेसमेंट और टारगेटिंग मैनेज करेगा, जो ऑडियंस, लोकेशन और मौसम के हिसाब से एडजस्ट होगा।
छोटे बिजनेस के लिए गेम-चेंजर, लेकिन बड़े ब्रांड्स हिचक रहे हैं
अगर ये सफल रहा, तो छोटे और मिड-साइज बिजनेस यानी मेटा के ज्यादातर एडवरटाइजर्स, जिनके पास बड़े कैंपेन के लिए बजट या क्रिएटिव रिसोर्स नहीं हैं, उनके लिए ये फायदेमंद होगा। मेटा का AI रियल-टाइम में विज्ञापन के वेरिएशन्स बनाएगा, जो यूजर की लोकेशन या कॉन्टेक्स्ट के हिसाब से इमेजरी और मैसेजिंग को टेलर करेगा। मिसाल के तौर पर, बर्फीले इलाके में कार का विज्ञापन पहाड़ी रास्तों पर दिखेगा, जबकि शहर में वही कार अर्बन सेटिंग में नजर आएगी।
लेकिन बड़े ब्रांड्स के लिए, मेटा के AI को पूरा क्रिएटिव कंट्रोल देना चिंता की बात है। मजबूत ब्रांड आइडेंटिटी वाली कंपनियां डरती हैं कि AI-जनरेटेड विज्ञापन में न्यूआंस और कंसिस्टेंसी की कमी हो सकती है। कुछ मेटा को अपने कैंपेन पर और ज्यादा प्रभाव देने से भी सावधान हैं।
AI ad की रेस
मेटा अकेला नहीं है। गूगल ने हाल ही में अपने Veo वीडियो जनरेशन टूल का नया वर्जन लॉन्च किया, जो साधारण टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स से वीडियो ads बनाता है। OpenAI का DALL·E और Midjourney जैसे दूसरे AI टूल्स पहले से ही ब्रांड्स द्वारा इमेज-बेस्ड कैंपेन कंटेंट जनरेट करने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं, और मेटा भी ऐसे टूल्स को अपने प्लेटफॉर्म में इंटीग्रेट करने की सोच रहा है।
फास्ट प्रोग्रेस के बावजूद, AI-जनरेटेड विज्ञापन अभी परफेक्ट नहीं हैं। मार्केटर्स कहते हैं कि मौजूदा टूल्स अक्सर डिस्टॉर्टेड या लो-क्वालिटी विजुअल्स बनाते हैं, जिन्हें कैंपेन स्टैंडर्ड्स के लिए मैन्युअल एडिटिंग की जरूरत होती है। इंडिविजुअल ब्रांड्स के लिए टेलर्ड AI मॉडल्स बनाना भी हाई कम्प्यूटिंग पावर मांगता है, जिससे टेक्निकल कॉम्प्लेक्सिटी बढ़ती है।
'बजट डालो, रिजल्ट पाओ'
जकरबर्ग इसे 'विज्ञापन की कैटेगरी का रिडिफिनिशन' कहते हैं। जहां बिजनेस को मार्केटिंग डिपार्टमेंट या प्रोडक्शन क्रू की जरूरत नहीं होगी। उन्हें बस एक प्रोडक्ट, गोल और बैंक अकाउंट चाहिए। ये AI की क्रिएटिव और स्ट्रैटेजिक कैपेबिलिटीज पर बड़ा दांव है और ये साफ संकेत है कि मेटा डिजिटल विज्ञापन के अगले युग में लीड करना चाहता है- भले ही इसके लिए अपने बिजनेस को डिसरप्ट करना पड़े।
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