Move to Jagran APP

Government True Caller: फर्जी कॉल पर लगेगी लगाम, सरकार जल्द लाएगी ट्रूकॉलर जैसा ऐप

ट्रूकॉलर की सिक्योरिटी को लेकर हमेशा चिंता बनी रही है। ऐसे में सरकार निरतंर फर्जी कॉल को रोकने और लोगों को सुरक्षित रखने के लिए जल्द ही नया ऐप लाने की तैयारी में है। हालांकि इस मामले को लेकर इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और TRAI आपने सामने रहे है। आइये इस ऐप के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Ankita Pandey Edited By: Ankita Pandey Published: Sat, 24 Feb 2024 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2024 10:38 AM (IST)
फर्जी कॉल पर लगेगी लगाम, सरकार जल्द लाएगी ट्रूकॉलर जैसा ऐप

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। हम जानते हैं कि सरकार लगातार फर्जी कॉल को रोकने में लगी रहती है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए अब सरकार एक स्वदेशी ट्रूकॉलर जैसा ऐप लाने की तैयारी में है। रिपोर्ट की मानें तो ये ऐप आपको कॉलर की असली आईडी की जानकारी देगा।

loksabha election banner

रिपोर्ट में बताया गया है कि ये नया ऐप आपको कॉलर के नंबर के साथ -साथ उसका असली नाम भी दिखाएगा, जो उसने कनेक्शन लेते समय फॉर्म में भरा होगा । इससे फेक कॉल की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही आप तय कर सकेंगे कि आपको ये कॉल उठानी है या नहीं। कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) कहा जा रहा है।

2 साल से CNAP पर काम कर रही है सरकार

  • आपको बता दें कि सरकार ने 29 नवंबर 2023 को टेलीकॉम नेटवर्क को कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) के बारे में बताते हुए एक सजेशन या परामर्श पत्र जारी किया था।
  • इसमें ट्राई ने स्टॉकहोल्डर्स से कहा कि वे इस विषय पर टिप्पणी दें। इसके बाद इस परामर्श पत्र पर एक मार्च 2023 में एक ओपन हाउस चर्चा की गई थी।

यह भी पढ़ें- विदेश यात्रा पर जा रहे हैं तो ऐसे एक्‍टिवेट करें अपना UPI, यहां देखें स्‍टेप बाय स्‍टेप गाइड

इन इनपुट्स पर दिया गया ध्यान

  • स्टॉकहोल्डर्स से मिले इनपुट और सेल्फ एनालिसिस के बाद ट्राई ने टेलीकॉम नेटवर्क में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन को लाने के अपने विचार पर आखरी मुहर लगाई। इसमें कुछ बातों पर जोर दिया गया।
  • कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) को भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में सेवा के रूप में शुरू किया जाना चाहिए।
  • अपने कस्टमर्स के अनुरोध पर टेलीकॉम प्रोवाइडर्स कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) सेवा दे सकते हैं।
  • इसमें ये भी बताया गया कि नंबर लेते समय जो डिटेल कस्टमर्स टेलीकॉम कंपनियों को देंगे उसका इस्तेमाल CNAP के लिए किया जाएगा।
  • कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (सीएलआई) को आईटीयू अनुशंसा/आईपी पते के E.164 के अनुसार, निर्दिष्ट टेलीफोन नंबर और कॉलिंग नाम पहचान के रूप में समय-समय पर लाइसेंसकर्ता द्वारा अपडेट किया जाना चाहिए।
  • इसके लिए एक टेक्नोलॉजी मॉडल तैयार किया जाएगा, जो भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में CNAP के फंक्शनालिटी को काम करने में मदद करेगा।
  • इसकी अनुमति के बाद अब भारत में बेचे जाने वाले सभी डिवाइस में CNAP सुविधा देने पर जोर दिया गया है।

यह भी पढ़ें- 50MP प्राइमरी कैमरा, 32MP फ्रंट कैमरा और 5000mAh बैटरी वाले फोन पर मिल रहा तगड़ा डिस्काउंट, जानिए ऑफर डिटेल्स


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.