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अब फेक न्यूज पर लगेगी ब्रेक ! गूगल और एप्पल ने उठाए कई जरूरी कदम

गूगल न्यूज और एपल ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और नामचीन पत्रकारों का लिया सहारा

By Sakshi PandyaEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 12:59 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। इन दिनों इंटरनेट पर फेक न्यूज की मात्रा में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। हांलाकि फेक न्यूज और प्रोपगेंडा का चलन कई दशकों से चला आ रहा है। सोशल मीडिया के दौर में फेक न्यूज तेजी से वायरल होते हैं और लोगों तक पहुंच जाते हैं। फेक न्यूज पर काबू पाने के लिए फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म अपने पॉलिसी में दिन-प्रतिदिन बदलाव कर रहे हैं, लेकिन फेक न्यूज के फैलने से रोका नहीं जा रहा है। वहीं फेक न्यूज को व्हाट्सएप के जरिए फी ग्रुप्स में भारी मात्रा में शेयर किया जा रहा है।

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फेसबुक और ट्विटर ने भी किया पॉलिसी में बदलाव

फेसबुक और ट्विटर पिछले कुछ वर्षों में इन न्यूज आर्टिकल और पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हर तरह के फेक आर्टिकल और पोस्ट को इन प्लेटफार्म से हटाना असंभव है। हांलाकि, दुनियाभर के नामचीन मैगजीन और अखबार अपने आर्टिकल को काफी रिसर्च करने के बाद प्रकाशित करते हैं। इन आर्टिकल में फेक्ट चेकिंग के कई तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किये जा रहे कई पोस्ट फेक होते हैं। इन फेक न्यूज का प्रतिकूल प्रभाव लोगों पर पड़ता है।

गूगल और एप्पल ने उठाए कई सकारात्मक कदम

फेक न्यूज को फैलने से रोकने के लिए गूगल और एप्पल ने कई सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। दोनों ही कंपनियां इन फेक न्यूज को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और न्यूज कंटेट को रिफाइन करने के लिए लोगों का भी सहारा लेगी। एप्पल न्यूज और गूगल न्यूज का मुख्य उदेश्य फैक्ट बेस्ड क्वालिटी रिपोर्टिंग और रिसर्च बेस्ड स्टोरी को हाइलाइट करना है।

एप्पल ने नामचीन पत्रकारों को जोड़ा

एप्पल न्यूज उस समय चर्चा में आई जब उसने न्यूज के फैक्ट को चेक करने के लिए न्यूयार्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट जैसे नामचीन सामाचार पत्रों के प्रमुख पत्रकारों को अपने साथ जोड़ा। एप्पल न्यूज के द्वारा पोस्ट होने वाले हर न्यूज को दुनियाभर के नामचीन पत्रकार मैनेज करेंगे और उसके फैक्ट को चेक करके उसमें सुधार करेंगे। एप्पल न्यूज में काम करने वाले पत्रकार विभिन्न तरह के अलगॉरिदम का इस्तेमाल न्यूज को चुनने में, मैनेज करने में और पोस्ट करने में करते हैं। इसके लिए दर्जनों लोग इन न्यूज को पढ़ते हैं और इसके फैक्ट को चेक करते हैं। एप्पल न्यूज और गूगल न्यूज आज के डिजिटल दौर में फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए उचित कदम उठा रहे हैं।

गूगल ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का किया इस्तेमाल

गूगल न्यूज को भी इन दिनों अपडेट किया गया है, लेकिन गूगल ने एप्पल से अलग हटकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम किया है। गूगल ने फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड अलगॉरिदम पर काम किया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सुधार किये गये न्यूज आर्टिकल्स में गलती होने की संभावना कम रहती है। अपनी पसंद के गूगल न्यूज को एक्सेस करने के लिए यूजर्स को अपने गूगल अकाउंट से लॉग इन करना पड़ता है।

फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट्स भी फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए काम कर रही है। लेकिन उन्हें गूगल और एप्पल की तरह ही फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए काम करना होगा। इसके अलावा अपनी पॉलिसी में भी बदलाव करके पोस्ट होने वाले न्यूज आर्टिकल्स को वेरिफाई करना होगा।

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