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    DeepSeek AI पर बैन! इटली-आयरलैंड में बंद हुई सर्विस; भारत में क्या करेगी सरकार?

    DeepSeek AI को इटली और आयरलैंड में ब्लॉक कर दिया गया है। दोनों देशों में रेगुलेटरीज इसकी डेटा पॉलिसीज की जांच कर रही हैं। डाउनलोड के मामले में ओपनएआई के चैटजीपीटी को पीछे छोड़ने वाला यह ऐप डेटा स्टोर करने को लेकर चिंताओं का कारण बन गया है। यह ऐप दोनों देशों में एपल ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है।

    By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Thu, 30 Jan 2025 12:30 PM (IST)
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    इसकी डेटा हार्वेस्टिंग नीतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

    टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। लॉन्च होने के एक हफ्ते बाद ही DeepSeek AI को कुछ देशों में ब्लॉक कर दिया गया है। DeepSeek को ब्लॉक करने वाले पहले देश इटली और आयरलैंड हैं। अब इस ऐप को इटली और आयरलैंड में एपल ऐप स्टोर या गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं किया जा सकता। दोनों देशों में रेगुलेटरीज इसकी डेटा पॉलिसीज की जांच कर रही हैं। लॉन्च होते ही इसकी प्राइवेसी पॉलिसियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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    डेटा पॉलिसी पर सवाल?

    भले ही DeepSeek रातों-रात सनसनी बन गया। ऐप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड के मामले में ChatGPT से आगे निकल गया, लेकिन इसकी डेटा हार्वेस्टिंग नीतियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। DeepSeek कई अन्य चीनी ऐप की तरह ही यूजर डेटा हार्वेस्ट करता है। इस मामले में IP एड्रेस के साथ-साथ यूजर की चैट भी डीपसीक द्वारा एकट्ठी की जा रही है। यह एक कारण हो सकता है कि ऐप को चीन के बाहर टिक पाना मुश्किल हो सकता है।

    डेटा को कैसे संभालती डीपसीक

    रोम में रेगुलेटरीज ने कंपनी से इस बारे में जवाब मांगा है कि वह यूजर डेटा को कैसे संभालती है। इतालवी समाचार एजेंसी ANSA के अनुसार इतालवी डेटा नियामक के प्रमुख पास्क्वेल स्टैनजियोन ने कहा, हम यह देखने के लिए जांच शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं कि ऐप यूरोपीय संघ के डेटा सुरक्षा नियमों का कितना पालन करता है।

    रिपोर्ट के अनुसार, डबलिन में आयरिश डेटा प्रोटेक्शन कमीशन के प्रवक्ता ने भी डीपसीक को पत्र लिखकर आयरलैंड में डेटा विषयों के संबंध में किए गए डेटा प्रोसेसिंग के बारे में जानकारी मांगी है।

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    भारत में क्या है स्थिति?

    डीपसीक को लेकर सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इससे देश की सुरक्षा नीतियों को कोई नुकसान नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक वरिष्ठ सूत्र ने इस बात को खारिज किया है कि डीपसीक से भारत को किसी तरह का खतरा है या इससे भारत से संवेदनशील डाटा का चीन भेजे जाने का कोई खतरा है। डीपसीक को विकसित करने वाला एक स्टार्टअप है और इस तरह की 7000 स्टार्टअप्स भारत में काम कर रही हैं।

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