Move to Jagran APP

क्या एंड्रॉयड मैलवेयर ऐप्स के इस्तेमाल में सबसे आगे है भारत ? लिस्ट में ऊपर है ये क्लोन ऐप

इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही साइबर सिक्योरिटी का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में एक नई रिपोर्ट सामने आई है कि भारत उन देशों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा एंड्रॉयड ट्रोजन डिटेक्शन हैं। साथ ही वॉ़ट्सऐप का एक क्लोन लोगों का डाटा चुरा रहा है।

By Ankita PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Oct 2022 03:59 AM (IST)Updated: Sun, 09 Oct 2022 03:59 AM (IST)
भारत ज्यादा एंड्रॉयड ट्रोजन डिटेक्शन वाले देशों में शामिल

नई दिल्ली, टेक, डेस्क। एक नई रिपोर्ट ने बताया गया है कि भारत सबसे अधिक Android संक्रमण वाले देशों में शामिल है। एक सुरक्षा फर्म की T2 2022 थ्रेट रिपोर्ट बताती है कि भारत उन देशों में शामिल है जहां एंड्रॉय़ड/स्पाई एजेंट ट्रोजन मालवेयर का सबसे अधिक पता लगाया गया है, क्योंकि T2 2022 में एंड्रॉयड थ्रेर्ट डिटेक्शन में 9.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी जारी है।

loksabha election banner

क्या होते हैं ट्रोजन मैलवेयर

ये ट्रोजन एजेंट मैलवेयर फ़ाइलें या कोड होते हैं, जो किसी टारगेट डिवाइस पर अनिर्धारित, अक्सर मिश्रित या किसी अन्य ऐप के रूप मेंआ जाते हैं और फिर डिवाइस पर जासूसी करते हैं। बता दें कि इन ऐप्स में गुप्त रूप से ऑडियो और वीडियो रिकॉर्ड करने की क्षमता होती है।

यह भी पढ़ें- यूजर्स ध्यान दें! WhatsApp ने सिक्योरिटी को लेकर किया ये बड़ा बदलाव, जानें कैसे होगा आपका फायदा

जिम्मेदार ऐप्स में शामिल है जीबी वॉट्सऐप

मैलवेयर सुरक्षा और इंटरनेट सुरक्षा फर्म रिपोर्ट ESET में कहा गया है कि थर्ड-पार्टी वॉट्सऐप क्लाइंट या क्लोन GB वॉट्सऐप, जो अपने यूजर्स को वॉट्सऐप के सभी स्टैंडर्ड फीचर्स साथ-साथ कुछ अतिरिक्त लाभ भी देता है। वह पिछले चार महीनों में एंड्रॉयड स्पाइवेयर डिटेक्शन के एक बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार रहा है।

Google Play पर नहीं है ये ऐप

चूंकि क्लोन ऐप Google Play Store के माध्यम से उपलब्ध नहीं है और इसके अधिकांश यूजर्स द्वारा साइडलोड किया गया है, इसलिए इसमें कई सुरक्षा जोखिम हैं। अधिकांश APK फ़ाइलों की तरह, साइडलोड की गई फ़ाइल को आसानी से संशोधित किया जा सकता है और यूजर्स द्वारा इसे डाउनलोड करने से पहले मैलवेयर इससे जुड़़ सकता है। यानी कि Play Store की सुरक्षा के बिना, दुर्भावनापूर्ण कोड वाले ये ऐप्स एक बार इंस्टॉल हो जाने पर आपके सिस्टम के माध्यम से आसानी से चल सकते हैं।

एक ट्रोजन मैलवेयर के बारे में सबसे खराब बात यह है कि इसके हमले की जानकारी तुरंत नहीं हो सकती है। यही कारण है कि इन हमलों को न केवल पहचानना मुश्किल है, बल्कि इससे छुटकारा पाना भी मुश्किल है। बता दें कि अक्सर दुर्भावनापूर्ण कोड को मिटाने के लिए आपको पूरी डिवाइस को रीसेट करने की जरुरत होती है।

यह भी पढ़ें- WhatsApp: ये चैटबॉट बदल देंगे आपकी दुनिया, आसान हो जाएंगे आपके हर दिन के काम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.