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ChatGPT के पास आपके हर सवाल का जवाब? क्या वाकई है गूगल से दो कदम आगे

OpenAI ने अपने ChatGPT को इंसानों की तरह सोचने और सवालों का जवाब देने के लिए ट्रेन किया है। प्रशिक्षित किया। RLHF तकनीक पर आधारित यह लर्निंग सिस्टम एआई को प्रशिक्षित करने के लिए अवॉर्ड और पनिशमेंट की आर्टिफिशियल प्रोग्रामिंग का इस्तेमाल करता है।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Published: Mon, 05 Dec 2022 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 12:13 PM (IST)
ChatGPT के पास आपके हर सवाल का जवाब? क्या वाकई है गूगल से दो कदम आगे
What is ChatGPT, Why everyone is talking about it

नई दिल्ली, टेक डेस्क। ChatGPT: चैटजीपीटी इन दिनों खूब चर्चा में है। आर्टिफिशियल लेकिन इंसानों जैसी बुद्धि, विश्लेषण क्षमता और उनके जैसी प्रतिक्रिया देने की क्षमता ने इसे खास बना दिया है। समान्य रूप से देखें तो चैटजीपीटी एक कन्वर्सेशन मॉडल है, जो आम इंसानों की भाषा को समझने और इसके हिसाब से प्रतिक्रिया देने में सक्षम है। इसके लिए यह एआई और मशीन लर्निंग का सहारा लेता है।

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ChatGPT, GPT यानी जनरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफार्मर से मिलता है। यह एक टीचिंग लैंग्वेज मॉडल है, जो इंसानों की तरह समझदारी विकसित करने में माहिर है। लेकिन दोनों में एक बारीक अंतर है। ChatGPT में डीप लर्निंग पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें तंत्रिका नेटवर्क की तीन या अधिक परतें होती हैं। यह नेटवर्क इंसानी दिमाग के व्यवहार को पकड़ने का प्रयास करता है। ChatGPT चीजों को समझकर इंसानों की तरह उनका विश्लेषण करने और उनका उत्तर देने की क्षमता रखता है। यह लिखी हुई चीजों को समझ सकता है और संदर्भ के लिए पहले की बातचीत को याद कर सकता है।

क्या-क्या कर सकता है ChatGPT

GPT के निर्माता OpenAI का कहना है कि ChatGPT प्रश्नों का उत्तर दे सकता है, अपनी गलतियां मान सकता है। यह अनुमान लगा सकता है कि उससे पूछा जाने वाला अगला सवाल क्या होगा? यह उन अनुरोधों को अस्वीकार कर सकता है, जिन्हें वह सही नहीं मानता। इस खुलासे के बाद ChatGPT दुनिया में रातों-रात मशहूर हो गया है।

बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अनुसंधान कंपनी ओपनएआई ने बुधवार को चैटजीपीटी की घोषणा की, जो एक प्रोटोटाइप संवाद-आधारित एआई चैटबॉट है। यह प्राकृतिक भाषा को समझने और प्राकृतिक भाषा में जवाब देने में सक्षम है। डेपलपर्स का दावा है कि यह टूटी हुई कविताओं की कड़ियां जोड़ने में भी सक्षम है। इसमें एक और अनूठी विशेषता है, और वो है इसकी मेमोरी। बॉट बातचीत में पहले की टिप्पणियों को याद रख सकता है और समय आने पर उन्हें रिकाल भी कर सकता है।

गूगल को नई चुनौती?

चैटबॉट इंटरनेट ओर जबरदस्त तरीके से ट्रेंड कर रहा है। लोगों को यकीन नहीं हो रहा कि एआई पर आधारित बॉट इतना बुद्धिमान भी हो सकता है। लोग इस पर अचंभा कर रहे हैं। सोशल मीडिया में इसके चर्चे हैं। इसे Google के लिए एक चैलेंज की तरह देखा जा रहा है, क्योंकि यह जटिल समस्याओं का समाधान देने में भी सक्षम है। यह कुछ चीजों के वर्तमान के आधार पर उनके भविष्य का आंकलन करने में सक्षम है। इसका लर्निंग एल्गोरिदम इसे एक काबिल और जानकार टीचर की तरह बनाता है।

आम आदमी के लिए कितना उपयोगी

OpenAI ने केवल मूल्यांकन और बीटा परीक्षण के लिए बॉट को ओपन किया है। अगले साल इसे एपीआई एक्सेस मिलने की उम्मीद है। एपीआई एक्सेस के साथ, डेवलपर्स चैटजीपीटी को अपने सॉफ्टवेयर में इनेबल करने में सक्षम होंगे। इंटरफेस में सुधार के साथ ChatGPT बच्चों के होमवर्क में उनकी मदद कर सकता है। बॉट को कई पैराग्राफ का निबंध लिखने से लेकर गणित की जटिल समीकरण को हल करने में सक्षम होगा। इसकी मदद से आप ऑफिस के काम चुटकियों में कर सकेंगे, जैसे एक्सेल शीट बनाना और डाटा इंट्री को सटीक बनाना।

क्या हैं इसकी सीमाएं

जहां कई लोग बॉट की क्षमताओं से हैरान हैं, वहीं कुछ लोग इसकी सीमाओं का पता लगाने में मशगूल हैं। चैटजीपीटी कई मामलों में गलत सूचनाओं और पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है। ये मॉडल बीजगणितीय समस्याओं का गलत उत्तर दे सकता है। कई बार यह अतिशय आत्मविश्वास का शिकार होता हुआ प्रतीत होता है। अपने लंबे उत्तरों में इतना आश्वस्त है कि लोग आसानी से उस पर विश्वास कर सकते हैं, बिना इस तथ्य की जांच किए कि इसके उत्तर कितने भरोसेमंद हैं।

OpenAI भी इन खामियों को समझता है और अपने ब्लॉग पर उसने यह स्वीकार भी किया है। OpenAI का कहना है कि ChatGPT कभी-कभी गलत या निरर्थक उत्तर लिखता है। इस समस्या को ठीक करना चुनौतीपूर्ण है। अगर इसे अधिक सतर्क रहने के लिए ट्रेन किया जाएगा तो यह उन प्रश्नों को रिजेक्ट कर देता है जिनका यह सही उत्तर दे सकता है।

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