Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SMS का वो जमाना... किसने भेजा था दुनिया का पहला एसएमएस, कैसे हुई इसकी शुरुआत?

    By Ankita PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 04 Dec 2022 05:58 PM (IST)

    अभी अगर हमें किसी तो मैसेज करना होता है तो हम क्या करेंगे..बस फोन उठाएंगे और टाइप करके मैसेज भेज देंगे। लेकिन क्या आपके दिमाग में कभी ये सवाल आया कि पहला मैसेज किसने भेजा था? तो आइये जानते हैं....

    Hero Image
    First message send in 1992, what was the message

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। टेक्नोलॉजी काफी आगे बढ़ गई है। आज हम वीडियो कॉलिंग, Ai, वर्चुअल वर्ल्ड की बातें करते हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब लोग एक दूसरे को तार यानी टेलीग्राम भेजते थे। अच्छी हो या बुरी, हर खबर को पहुचंने में काफी दिन लग जाते थे। लेकिन आज हम मिनटों में एक मैसेज या वीडियो कॉल करके अपने दोस्तों या परिवार वालो को अपने बारे में बता देते हैं। मगर आपने कभी ये सोचा है कि ये मैसेज का सिलसिला आखिर शुरू कैसे हुआ। नहीं, तो आइये जानते हैं SMS के पीधे की कहानी..

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्या है शॉर्ट मैसेज सर्विस

    हम लोगों में से बहुत ही कम को ही पता होगा कि SMS को Short Message Service भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक मैसेज में आप 160 शब्दों के अंदर ही अपनी बात लिख सकते हैं। अगर आप इससे ज्यादा शब्द लिखते हैं तो ये मैसेज कुछ छोटे सेगमेंट में बट जाते हैं। लेकिन सवाल ये  हैं कि आखिर पहला मैसेज भेजा किसने था?

    यह भी पढ़ें - क्या है Ransomware, कैसे चुराता है डाटा, जानें कैसे बचें इस खतरे से

    किसने, क्या और किसे भेजा था पहला मैसेज?

    आज लोग मिनटों में दुनिया के किसी भी कोने से इमोजी के साथ मैसेज भेज देते हैं। लेकिन 30 साल पहले  एक 22 वर्षीय लड़के ने अपने सहयोगी को पहला मैसेज भेजा था। ये लड़का एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर था, जिसका नाम नील पापवर्थ है। नील ने ये मैसेज अपने फर्म के एक बॉस रिचर्ड जार्विस को भेजा था, जिसमें केवल ‘Marry Christmas लिखा था। हालांकि मिस्टर जार्विस एक क्रिसमस पार्टी में थे, इसलिए नील को इसका कोई जवाब नहीं मिला। इस मैसेज को 3 दिसंबर 1992 को उस समय की इस नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण करने भेजा गया था।

    टेक्नोलॉजी की एक बड़ी उपलब्धि़

    ये टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि है। वोडाफोन का कहना है कि नील अपने क्लाइंट वोडाफोन के लिए एक डेवलपर और टेस्ट इंजीनियर के तरह काम कर रहे थे और उन्होंने कंपनी के लिए शॉर्ट मैसेज सर्विस (SMS ) बनाया था। नील के भेजे मैसेज के लगभग सात साल बाद, यानी 2009 में कई नेटवर्क पर टेक्स्ट मैसेज को भेजा जाने लगा और इसे काफी लोकप्रियता भी मिली।

    100 SMS/ Day

    अब लगभग सभी टेलीकॉम कंपनियां अपने यूजर्स को 100SMS/day की सुविधा देती हैं। लेकिन एक समय ऐसा था, जब SMS के लिए भी रिचार्ज प्लान आते थे। उस समय वॉट्सऐप नहीं था और ये इंटरनेट सर्विस भी महंगी होती थी। तब SMS  लोगों के लिए एक बड़ा सहारा था।

    यह भी पढ़ें -WhatsApp Tips: कैसे रिस्टोर करें वॉट्सऐप से डिलीट की गई फोटोज, यहां जानें पूरा तरीका