स्मार्टफोन में यह एक सेटिंग करने के बाद नहीं होगा वायरस अटैक
स्मार्टफोन को वायरस के हमले से बचाने के लिए कई तरीके हैं। इस खबर में हम आपको एक ऐसा तरीका बताने जा रहे हैं जिसके जरिए आप महज चंद क्लिक्स में ही वायरस ...और पढ़ें

नई दिल्ली (जेएनएन)। एंड्रायड स्मार्टफोन्स में वायरस आने का खतरा हमेशा ही बना रहता है। किसी भी थर्ड पार्टी एप को डाउनलोड करने पर फोन में वायरस आ जाता है। इस परेशानी से निजात पाने के लिए हम आपको स्मार्टफोन की एक सीक्रेट सेटिंग के बारे में बताने जा रहे हैं जो फोन में वायरस के हमले की संभावना को खत्म कर देगी। आपको बता दें कि यह ट्रिक एंड्रॉयड मार्शमैलो और नॉगट वर्जन पर ही काम करेगी।
जानें कैसे करें सेटिंग:
- इसके लिए आपको सबसे पहले फोन की सेटिंग्स में जाना होगा।
- इसके बाद गूगल पर क्लिक करें। यहां आपको सिक्योरिटी का ऑप्शन मिलेगा। ध्यान रहे कि कई फोन्स में गूगल का विकल्प सेटिंग में बाहर ही होता है तो कई में यह ऑप्शन अकाउंट्स में दिया होता है।
- सिक्योरिटी पर टैप करने के बाद गूगल प्ले प्रोटेक्ट पर टैप करके नीचे दिए गए दोनों ऑप्शन्स को इनेबल कर दें।
- इसके बाद आप जब भी कोई एप इंस्टॉल करेंगे तो गूगल उसे ऑटोमैटिकली स्कैन करेगा। अगर उसमें वायरस होगा तो गूगल आपको पॉपअप देगा। साथ ही एप को इंस्टॉल होने से रोक देगा।
जानें गूगल प्ले प्रोटेक्ट कैसे करता है काम?
गूगल अपने प्ले स्टोर पर मौजूद हर एप की प्राइवेसी और सिक्योरिटी की जांच करता है। इसके लिए यह हर कैटेगरी के लिए peer ग्रुप बनाता है। तो ऐसे में अगर कोई एप यूजर से किसी भी बात की परमीशन मांगती है तो उसे गूगल द्वारा फ्लैग दे दिया जाता है। गूगल के विशेषज्ञों ने यह महसूस किया कि कैटेगरी-बेस्ड peer ग्रुप में बदलाव नहीं किए जा सकते। जिससे यह पता नहीं चल पाता है कि समान कैटेगरी में एप्स के कितने प्रकार हैं। इसी के लिए गूगल ने प्ले प्रोटेक्ट लॉन्च किया है। यह इस बात की गहन जांच करता है कि समान कैटेगरी में एप्स के कितनी प्रकार हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।