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    Android फोन में ऐप्स इन्स्टॉल करने के दौरान भूल कर भी न करें ये काम, हो सकता है बड़ा नुकसान

    Android Phone Apps स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के साथ फोन में ऐप्स को इन्स्टॉल करने की जररूत पड़ती है। वहीं ऐप्स को इन्स्टॉल करने में जरा भी लापरवाही बरतते हैं तो फोन में मालवेयर की एंट्री होने का खतरा हो सकता है। ऐप्स इन्स्टॉल करते समय यूजर को हमेशा ऑथेंटिक सोर्स का इस्तेमाल करने की ही सलाह दी जाती है।

    By Shivani KotnalaEdited By: Shivani KotnalaUpdated: Tue, 01 Aug 2023 07:00 PM (IST)
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    be selective While installing Apps In Smartphone

    नई दिल्ली, टेक डेस्क। डिजिटल वर्ल्ड में हर दूसरे यूजर को स्मार्टफोन की जरूरत होती है। हालांकि, स्मार्टफोन में बिना ऐप्स के शायद ही किसी काम को किया जा सकता है। स्मार्टफोन यूजर की जरूरत को देखते हुए ही नए स्मार्टफोन में कुछ ऐप्स प्री-इंस्टॉल्ड मिलते हैं।

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    बावजूद इसके यूजर को अपनी जरूरत के मुताबिक ऐप्स डाउनलोड करने की जरूरत होती है। बहुत से यूजर ऐप्स को इन्स्टॉल करने में कुछ बातों को नजरअंदाज करते हैं, जिसकी वजह से यूजर का स्मार्टफोन समय से पहले ही खराब हो जाता है। स्मार्टफोन में ऐप्स को इन्स्टॉल करने के दौरान कुछ बातों का ख्याल रखा जाए तो डिवाइस और बैटरी से जुड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है-

    ऐप्स का सोर्स

    ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए ऐप का सोर्स मायने रखता है। यूजर को ऑथेंटिक सोर्स से ही ऐप्स डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है। ब्राउजर के जरिए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक कर ऐप्स को इन्स्टॉल करने में मालवेयर का खतरा हो सकता है।

    गूगल प्ले प्रोटेक्ट

    एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करते हैं तो गूगल प्ले प्रोटेक्ट सेटिंग को इनेबल करना जरूरी है। हालांकि, गूगल प्ले स्टोर सेटिंग यूजर के फोन में ऑटो इनेबल होती है। इस सेटिंग की मदद से प्ले स्टोर से अप्रूव्ड ऐप्स को ही डाउनलोड किया जा सकता है। ऐप से जुड़े किसी खतरे की स्थिति में यूजर को नोटिफिकेशन के जरिए अलर्ट भी मिलता है।

    ये भी पढ़ेंः Smartphone में नहीं होगी मालवेयर की एंट्री, Google Play Store का सेफ्टी टूल पहले ही बजाएगा खतरे की घंटी

    फोन के ऐप्स

    अगर हर काम के लिए ऐप्स इन्स्टॉल करने की आदत है तो इस आदत को छोड़ना होगा। फोन में बहुत ज्यादा ऐप्स का होना आपके डिवाइस और बैटरी की हेल्थ पर असर डालता है।

    फोन में बहुत ज्यादा ऐप्स होने की वजह से डिवाइस की स्टोरेज भी फुल होने लगती है।

    बिना काम के ऐप्स

    कई बार यूजर को किसी खास काम की वजह से फोन में ऐप इन्स्टॉल करने की जरूरत होती है। ऐसे में समय के साथ ऐप की जरूरत भी खत्म हो जाती है। हर यूजर के फोन में इस तरह के ऐप्स होते हैं, जो बिना काम के होते हैं। फोन से ऐसे ऐप्स को अनइन्स्टॉल करने की सलाह दी जाती है।

    नए ऐप्स

    फोन में ऐसे ही ऐप्स को इन्स्टॉल करने की सलाह दी जाती है, जिनका इस्तेमाल आप लंबे समय तक करना चाहते हैं। टेस्ट और ट्रायल बेस पर ऐप्स को फोन में इन्स्टॉल करने से बचें। कुछ ऐप्स यूजर के काम के नहीं होते, लेकिन फिर भी ट्राई करने के लिए यूजर ऐसे ऐप्स को डाउनलोड कर लेता है।

    कुछ कामों के लिए वेब ऐप्स की मदद ली जा सकती है। फोन में हेवी ऐप्स को इन्स्टॉल करने से बचने की सलाह भी दी जाती है। हेवी ऐप्स की जगह जरूरत पड़ने पर लाइट ऐप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। हेवी ऐप्स की वजह से फोन की परफोर्मेंस पर इसका असर पड़ता है, डिवाइस स्लो हो जाता है।

    सोशल मीडिया ऐप्स

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो इन ऐप्स पर परमिशन को लेकर अलर्ट रहें। किसी भी नए ऐप को फोन में काम करने के लिए लोकेशन, गैलरी, कॉन्टेक्ट, वाई-फाई, कैमरा, माइक्रोफोन की जरूरत पड़ती है। ऐप को डाउनलोड करने के साथ ही ये परमिशन यूजर से मांगी जाती है।

    खास कर सोशल मीडिया ऐप्स एक्स्ट्रा की डिमांड करते हैं। इन परमिशन के साथ कई बार यूजर की प्राइवेसी को लेकर भी खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल वेब वर्जन के साथ ही करने की सलाह दी जाती है।