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    क्या किचन के स्लैब पर बेल सकते हैं रोटियां, जानिए क्या कहता है वास्तु और साइंस

    लकड़ी के बोर्ड पर रोटियां बेलने के बाद उसे रोज धोया जाता है। इससे उसमें कीटाणु और बैक्टीरिया के पनपने का खतरा नहीं होता है। किचन के स्लैब की अगर ठीक से सफाई नहीं हो रही हो तो उसमें बैक्टीरिया पनप सकते हैं जो आपकी सेहत को खराब कर सकते हैं।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Wed, 23 Apr 2025 04:30 PM (IST)
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    इसकी साफ-सफाई अच्छी तरह से होता है, जिससे बीमारियों का खतरा नहीं होता है।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। खाने की थाली में आने वाली गर्मा गरम चपाती खाने के स्वाद को दोगुना बढ़ा देती है। पहले के समय में जब आज की तरह मॉर्डन किचन नहीं होते थे तो बेलन से चकले (लकड़ी के बोर्ड) पर रोटियां बेली जाती थीं। मगर, अब किचन इस तरह से बनते हैं उनकी स्लैब पर भी रोटियां बेली जा सकती हैं और बेली भी जाती हैं।

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    दरअसल, यह काफी बड़ी जगह होती है, जहां रोटियां बेलने में आसानी होती है। हालांकि, कई लोग इसे गलत मानते हैं और ऐसा करने से मना करते हैं। मगर, कई लोग किचन के स्लैब में रोटियां बेलने में कोई दिक्कत महसूस नहीं करते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में रसोई का एक विशेष स्थान होता है।

    पुरानी कहावत भी है कि जैसा खाए अन्न, वैसा रहे मन। इसका सीधा सा अर्थ है कि जब आप साफ और स्वच्छ तरीके से सही दिशा में बने किचन में खाना बनाते हैं, तो न सिर्फ उसका स्वाद बढ़ता है, बल्कि उसकी सकारात्मक ऊर्जा आपको हष्ट पुष्ट बनाती है।

    साफ-सुथरा रहना चाहिए स्लैब

    जब ​​रसोई के स्लैब पर रोटी बेलने की बात आती है, तो रसोई के स्लैब पर रोटी बेलना आम तौर पर स्वीकार्य है। मगर, शर्त यह है कि स्लैब को साफ हो और अच्छी तरह से बनाई गई हो। रसोई में शुद्धता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए रोलिंग एरिया का इस्तेमाल भोजन बनाने के लिए ही किया जाए।

    खाना पकाने का क्षेत्र पूर्व की ओर होना चाहिए, ताकि सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा खाना पकाने के अनुभव को बढ़ा सके। यदि आपकी रसोई का स्लैब इन सिद्धांतों के अनुरूप है, तो वहां रोटियां बेली जा सकती हैं। उत्तर की दिशा में किचन होने पर वहां सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंचता है। नमी और गंदगी होने पर वहां बैक्टीरिया पनप सकते हैं।

    लकड़ी के बोर्ड यानी चकले और बेलन का संबंध राहु-केतु से भी जोड़ा जाता है। कहते हैं कि इस पर रोटियां बेलने से राहु-केतु से जुड़ी परेशानियां भी नहीं होती हैं।

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    क्या कहता है विज्ञान

    वास्तु सिद्धांतों के अलावा साइंस भी यही बात कहती है कि खाना साफ-सफाई से और स्वच्छता से बनाना चाहिए। रसोई के स्लैब पर कीटाणु और बैक्टीरिया हो सकते हैं। खासकर तब जब कि इसे नियमित रूप से साफ नहीं किया जाता है।

    साथ ही आपकी गैर-मौजूदगी में संभव है कि वहां से कॉकरोच, छिपकली आदि गुजरी हो, जो बीमारी फैला सकती है। लिहाजा, स्लैब पर सीधे रोटी बेलना हमेशा हाइजीनिक नहीं हो सकता है। इसके अलावा सतह पर अन्य खाद्य पदार्थों, खाना पकाने के दौरान फैले पदार्थ या धूल के अवशेष हो सकते हैं। 

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    संभव है कि रोटी बेलते समय वो उसमें चिपक जाएं और सेहत के लिए जोखिम बढ़ा दें। इसलिए लकड़ी के बोर्ड या साफ काउंटरटॉप जैसी साफ सतह पर रोटी बेलते समय स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।