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    Masik Shivratri 2025: अप्रैल में मासिक शिवरात्रि की नोट करें तारीख और मुहूर्त… भोलेनाथ को इन चीजें का लगाएं भोग

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 08:00 AM (IST)

    Masik Shivratri 2025 मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने वालों के सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। स्नान आदि करने के बाद व्रत तथा पूजन का संकल्प लें। रात को शुभ मुहूर्त में मासिक शिवरात्रि की पूजा और अभिषेक करें। संभव हो तो रात्रि में जागरण करें।

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    भोग के बिना पूजा अधूरी रहती है। जानिए भोलेनाथ को किन चीजों का लगाना चाहिए भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2025: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2025 Date) मनाई जाती है। इस दिन देवाधिदेव महादेव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। वैसे तो इस तिथि में भोलेनाथ का पूजन हर तरह की मनोकामना को पूरा करता है।

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    मगर, जो कुंवारी कन्याएं मासिक शिवरात्रि का व्रत करती हैं, उन्हें मनचाहा वर मिलता है। मासिक शिवरात्रि को पूजन और व्रत करने से सुख और सौभाग्य मिलता है। चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल को सुबह 8:27 से शुरू होकर 27 अप्रैल की सुबह 4:49 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में 26 अप्रैल को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी।

    सुबह 8:27 मिनट तक भद्रावास योग रहेगा, जिसमें भोलेनाथ की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी। मासिक शिवरात्रि पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11:53 मिनट से लेकर दोपहर 12:45 मिनट तक रहेगा। इन मुहूर्तों में पूजा करने से विशेष फल मिलता है।

    शिव पंचाक्षरी का जाप करें

    पूजा के समय शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्रों का जप करें। अंत में शिव आरती कर सुख और समृद्धि की कामना करें। पूजन करते समय यदि कोई मंत्र नहीं आता हो, तो शिव पंचाक्षर यानी नमः शिवाय का जाप करें।

    यदि आप इस मंत्र को पूरा बोल सकें, तो इसका जाप करें…

    नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।

    नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै नकाराय नमः शिवाय।।

    मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय, नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।

    मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय, तस्मै मकाराय नमः शिवाय।।

    शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा, सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।

    श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय, तस्मै शिकाराय नमः शिवाय।।

    वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय।

    चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नमः शिवाय।।

    यज्ञस्वरूपाय जटाधराय, पिनाकहस्ताय सनातनाय।

    दिव्याय देवाय दिगम्बराय, तस्मै यकाराय नमः शिवाय।।

    पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ, शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते।

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    मासिक शिवरात्रि पर लगाएं इन चीजों का भोग

    भोग के बिना पूजा अधूरी रहती है। भगवान भोलेनाथ को भोग के रूप में दही, दूध, सफेद बर्फी, भांग, पंचामृत, शहद, खीर, मालपुआ, फल, ठंडाई और लस्सी आदि चढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा उन्हें बेलपत्र और धतूरा चढ़ाना न भूलें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।