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    Shivling Puja Niyam: घर में स्थापित करना चाहते हैं शिवलिंग, तो इन नियम का जरूर करें पालन

    Updated: Sun, 20 Apr 2025 09:57 AM (IST)

    सनातन धर्म में लोग शिवलिंग को भगवान शिव के रूप में पूजते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवलिंग का विशेष चीजों के द्वारा अभिषेक करने से साधक को जीवन में शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। साथ ही महादेव की कृपा बरसती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि शिवलिंग (Shivling Puja niyam) पूजा से जुड़े नियम के बारे में विस्तार से।

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    Shivling Vastu Tips: घर में खान रखें शिवलिंग (Pic Credit-Freepik)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन शास्त्रों में शिवलिंग पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से उल्लेख किया गया है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर महादेव के अलावा मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी और अशोक सुंदरी का भी वास होता है। ऐसे में शिवलिंग में इन अलग-अलग स्थानों की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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    वास्तु (Shivling Vastu Tips) और ज्योतिष शास्त्र में शिवलिंग (Shivling Abhishek) से जुड़े नियम के बारे में बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इन नियम का पालन करने से साधक की किस्मत चमक सकती है और रुके हुए काम पूरे होने के योग बन सकते हैं। चलिए जानते हैं कि शिवलिंग पूजा के नियम के बारे में।

    घर में कितने शिवलिंग रखें?

    वास्तु शास्त्र की मानें तो मंदिर में एक से अधिक शिवलिंग नहीं रखने चाहिए। क्योंकि शिवलिंग महादेव का प्रतीक है और भगवान शिव एक ही हैं। इसी वजह से मंदिर में एक शिवलिंग को रखना ही शुभ माना जाता है।

    (Pic Credit-Freepik)

    किस दिशा में रखें शिवलिंग?

    वास्तु शास्त्र के अनुसार, शिवलिंग की स्थापना के समय साधक का मुख पूर्व दिशा और शिवलिंग की जलधारी उत्तर दिशा की तरफ होनी चाहिए। माना जाता है कि इस नियम का पालन करने से साधक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

    यह भी पढ़ें: Shivling ke Niyam: खा सकते हैं शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद? जानिए इससे जुड़ी मान्यताएं

    इन बातों का रखें ध्यान

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महादेव का अभिषेक करने के लिए स्‍टील के लोटे का इस्तेमाल न करें। जल चढ़ाने के लिए आप तांबे या पीतल के लोटे का ही प्रयोग करें।

    कैसे करें शिवलिंग का अभिषेक (Shivling Puja Vidhi)

    • सुबह जल्दी उठें और स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने।
    • सूर्य देव को जल अर्पित करें।
    • मंदिर की सफाई करें।
    • अब शिवलिंग पर जल, गंगाजल, फल, पान, सुपारी, बेलपत्र, मोली, अक्षत समेत आदि चीजें अर्पित करें।
    • देसी घी का दीपक जलाएं और विधिपूर्वक आरती करें।
    • शिव मंत्रों का जप और शिव चालीसा का पाठ करें।
    • फल और मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं।
    • आखिरी में लोगों में दान करें।

    महामृत्युंजय मंत्र

    ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

    शिव स्तुति मंत्र

    द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।