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    Puja Vastu Tips: पूजा में रखें इन वास्तु नियमों का ध्यान, देवी-देवताओं की कृपा से बनी रहेगी खुशहाली

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 01:09 PM (IST)

    सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार रोजाना पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं अगर आप पूजा-पाठ के दौरान वास्तु नियमों का ध्यान रखते हैं तो आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति का माहौल बना रहता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आपको पूजा के दौरान किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

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    Puja Vastu Tips (Picture Credit: Freepik) (AI Image)

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ को देवी-देवताओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का एक माध्यम माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में रोजाना विधिवत रूप से पूजा-पाठ किया जाता है, वहां हमेशा देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है, जिससे घर में खुशहाली आती है। ऐसे में अगर आप पूजा-पाठ के दौरान कुछ वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं, तो इससे आप पूर्ण फल की प्राप्ति से वंचित रह सकते हैं।

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    किस दिशा में होना चाहिए मंदिर

    सुख-समृद्धि के लिए घर के मंदिर में वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार, घर में मंदिर बनवाने की सही दिशा   उत्तर-पूर्व या फिर पूर्व है। ऐसे में अगर इन दिशाओं का ध्यान नहीं रखा जाता तो, इससे व्यक्ति को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता और वास्तु दोष लगने की भी संभावना बनी रहती है।

    (Picture Credit: Freepik)

    कैसे करें पूजा

    वास्तु शास्त्र में माना गया है कि बैठकर पूजा करना अधिक शुभ फलदायी होता है। वहीं खड़े होकर पूजा करने का साधक को उतना फल नहीं मिलता। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पूजा के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए, क्योंकि वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा शक्ति व शौर्य का प्रतीक है। इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि मंदिर में भगवान की मूर्ति का मुख दक्षिण दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए।

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    (Picture Credit: Freepik)

    जरूर रखें इस बात का ध्यान

    मंदिर घर का एक पवित्र स्थान होता है। वास्तु शास्त्र में साफ-सफाई का विशेष महत्व माना गया है। हमेशा स्नान करने के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही पूजा आरंभ करनी चाहिए। इसी के साथ पूजा स्थल पर भी सफाई का ध्यान रखें।

    इसी के साथ मंदिर के पास कभी भी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए और न ही पूजा घर कभी सीढ़ियों के नीचे बनवाना चाहिए। अगर आप इस सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो इससे आपको शुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।