Lord Krishna: इस खास वजह से आधी रात को हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म, जानकर होगी हैरानी
भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का जन्म मथुरा की जेल में आधी रात को हुआ था जब अंधकार चरम पर था। कंस ने देवकी के आठवें पुत्र से अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुनी थी। आधी रात को जन्म बुराई पर धर्म की विजय का प्रतीक है। कान्हा जी का जन्म धर्म की स्थापना के लिए हुआ था।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण के जन्म को लेकर कई सारी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। यह एक ऐसा समय है, जिसे जन्माष्टमी के रूप में बड़े उत्साह के साथ हर साल आधी रात को मनाया जाता है। भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का जन्म आधी रात में ही क्यों हुआ? ऐसे सवाल आमतौर पर लोगों के मन में उठते हैं, तो आइए इस आर्टिकल में इसके पीछे की वजह जानते हैं।
कहां हुआ था भगवान कृष्ण का जन्म?
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भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस यानी उनके मामा की जेल में हुआ था। उनकी माता देवकी और पिता वसुदेव थे। यह एक असाधारण परिस्थिति थी, क्योंकि कंस ने देवकी के आठवें पुत्र द्वारा अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी सुनी थी, और इसी डर से उसने देवकी और वसुदेव को कारागार (जेल) में डाल रखा था।
आधी रात को ही क्यों जन्मे श्रीकृष्ण? (Why Krishna Was Born At Midnight)
आधी रात का समय गहन अंधकार और अज्ञान का प्रतीक है। ऐसे समय में भगवान का जन्म यह दिखाता है कि जब बुराई और अन्याय चरम पर होती है, तब वे स्वयं उस अंधकार को दूर करने के लिए आते हैं और धर्म और सत्य की स्थापना करते हैं। आधी रात को मुरलीधर का जन्म अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।
ये भी कहा जाता है (Lord Krishna Midnight Birth Reason)
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सुरक्षा को लेकर - कंस की वजह से भगवान का जन्म गुप्त तरीके से होना जरूरी था। आधी रात का समय इस गोपनीयता के लिए सबसे सही था। इस समय सभी सैनिक और रक्षक सो रहे थे, जिससे वसुदेव जी को उन्हें सुरक्षित रूप से गोकुल तक पहुंचाने का समय मिल सका।
योजना का हिस्सा - भगवान कृष्ण का जन्म पहले से ही तय था। वे केवल कंस का वध करने ही नहीं, बल्कि पृथ्वी पर धर्म की स्थापना करने और अपने भक्तों को मुक्ति दिलाने के लिए अवतरित हुए थे, जिस वजह से कान्हा जी का जन्म आधी रात के रहस्यमय माहौल में हुआ।
आध्यात्मिक अर्थ - आध्यात्मिक रूप से, आधी रात को जन्म लेने का मतलब ये है कि भगवान अज्ञान रूपी अंधकार से भरी दुनिया में ज्ञान और भक्ति का मार्ग दिखाने के लिए आधी रात को जन्म थे।
परेशानियों का अंत - भगवान के जन्म के साथ ही कई अलौकिक घटनाएं घटीं। कारागार के सभी ताले अपने आप खुल गए, पहरेदार सो गए, और देवी यमुना (नदी) ने वसुदेव जी जाने के लिए रास्ता दिया। ये सभी घटनाएं ये दिखाती हैं कि जब भगवान स्वयं अवतरित होते हैं, तो सभी बाधाएं अपने आप दूर हो जाती हैं।
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