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    Tamasic Diet: जानें, क्यों मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नहीं खाना चाहिए नॉन-वेज ?

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 09 Jun 2024 06:29 PM (IST)

    गुरुवार के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिष भी कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत करने के लिए गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करने की सलाह देते हैं।

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    Tamasic Diet: जानें, क्यों मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नहीं खाना चाहिए नॉन-वेज ?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tamasic diet: सनातन धर्म में भगवान शिव को मानने वाले लोगों को शैव और जगत के पालनहार भगवान विष्णु को मानने वाले लोगों को वैष्णव कहा जाता है। शैव समाज के लोग भगवान शिव की पूजा उपासना करते हैं। वहीं, वैष्णव समाज के अनुयायी भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। वैष्णव समाज के लोग सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। लहसुन और प्याज समेत सभी प्रकार के तामसिक मसालों का भी परित्याग करते हैं। वहीं, शैव समाज के लोग खानपान में विशेष परहेज नहीं करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन नॉन-वेज यानी तामसिक भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए ? अनदेखी करने से व्यक्ति विशेष पर अशुभ ग्रहों का प्रभाव प्रबल हो जाता है। साथ ही व्यक्ति पाप का भागीदार भी बन जाता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    क्यों न खाएं नॉन-वेज ?

    • सनातन धर्म में मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। साथ ही मनोकामना पूर्ति हेतु मंगलवार का व्रत रखा जाता है। शास्त्रों में निहित है कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं। उन्हें प्रसाद में सात्विक चीजें ही अर्पित की जाती है। वहीं, मंगलवार के दिन ग्रहों के सेनापति मंगल देव की पूजा की जाती है। मंगल देव का मुख्य तत्व अग्नि है और रंग लाल है। मंगलवार के दिन नॉन-वेज खाने से हनुमान जी अप्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही कुंडली में मंगल कमजोर होता है। इसके अलावा, शरीर में अग्नि तत्व बढ़ने से व्यक्ति की मनोदशा में बदलाव देखने को मिलता है। व्यक्ति हिंसक और उग्र होता जाता है। इसके लिए मंगलवार के दिन प्रकृति प्रदत्त सात्विक और शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करें।
    • गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु संग देवताओं के गुरु देवगुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु के उपासकों को वैष्णव कहते हैं और वैषणव लोग नॉन-वेज नहीं खाते हैं। अगर कोई व्यक्ति गुरुवार के दिन नॉन वेज खाता है, तो जगत के पालनहार भगवान विष्णु अप्रसन्न होते हैं। साथ ही कुंडली में गुरु कमजोर होता है। कुंडली में गुरु कमजोर होने पर जीवन में सुखों की कमी होने लगती है। इसके लिए गुरुवार के दिन नॉन-वेज नहीं खाना चाहिए।
    • शनिवार का दिन न्याय के देवता शनिदेव को समर्पित होता है। इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शनिदेव अच्छे कर्म करने वाले लोगों को शुभ फल देते हैं। साथ ही उनको इच्छित फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले लोगों को दंड देते हैं। शनिदेव जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण के परम भक्त हैं। इसके लिए शनिदेव के दिन नॉन-वेज का सेवन न करें। अनदेखी करने से शनिदेव की कुदृष्टि व्यक्ति पर पड़ती है। ज्योतिषियों की मानें तो शनिदेव की कुदृष्टि पड़ने पर व्यक्ति को जीवन में नाना प्रकार की परेशानियों से गुजरना पड़ता है। सबकुछ छिन जाता है। ज्योतिष शनिवार के दिन बाल न कटाने, लोगों का दिल न दुखाने और नॉन-वेज न खाने की सलाह देते हैं। इसके लिए मंगलवार, गुरुवार और शनिवार के दिन नॉन-वेज न खाएं।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।