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    Guruvar Vrat Benefits: गुरुवार का व्रत रखने से पहले जान लें इसके नियम और लाभ

    Updated: Sun, 09 Jun 2024 02:46 PM (IST)

    हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भक्त विष्णु जी के साथ गुरु देव बृहस्पति की पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। यदि आप इस व्रत को करने की सोच रहे हैं तो इसके नियम और लाभ जरूर जान लें जो इस प्रकार हैं -

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    Guruvar Vrat Benefits: गुरुवार व्रत रखने के फायदे -

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। धार्मिक दृष्टि से गुरुवार का दिन बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। देवताओं के गुरु बृहस्पति देव की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है। गुरु बृहस्पति को ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार का व्रत बेहद पुण्यदायी माना गया है।

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    ऐसे में अगर आप इस व्रत (Guruvar Vrat Benefits) का पालन करते हैं, तो आपको इसके नियम और लाभ के बारे में जान लेना चाहिए।

    गुरुवार व्रत के नियम

    सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। गुरुवार व्रत का संकल्प लें। पीले वस्त्र धारण करें। एक वेदी पर बृहस्पति देव और भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत से स्नान करवाएं। गोपी चंदन व हल्दी का तिलक लगाएं। गुड़, चने की दाल, मुनक्का और केले का भोग लगाएं। गुरुवार कथा का पाठ करें। वैदिक मंत्रों का जाप करें। आरती से पूजा का समापन करें। तामसिक चीजों का सेवन न करें। व्रत में हुई गलती के लिए क्षमा याचना करें।

    गुरुवार व्रत रखने के फायदे

    • गुरुवार का व्रत रखने से पितृ दोष समाप्त होता है।
    • इस व्रत को रखने से घर में सुख-शांति आती है।
    • इस दिन का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी मुश्किलें दूर होती हैं।
    • इस व्रत को रखने से आपके कुंडली में यदि अल्पायु का योग है, तो वो समाप्त हो जाता है।
    • इस व्रत का पालन करने से माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
    • इस व्रत के प्रभाव से घर की दरिद्रता दूर हो जाती है, साथ ही धन का आगमन होता है।
    • इस व्रत को करने से कुंडली से अशुभ ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।
    • गुरुवार का व्रत रखने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
    • इस दिन का उपवास रखने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।