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    Diwali 2025: दीवाली पर क्यों खरीदते हैं झाड़ू? जानें इसका महत्व और नियम

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 02:39 PM (IST)

    दीपावली के पांच दिवसीय पर्व (Dhanteras Diwali 2025) में धनतेरस से लेकर दिवाली तक नई चीजें खरीदने की परंपरा है जिसमें झाड़ू खरीदना भी शामिल है। हालांकि इसका पालन करने की क्या वजह है और इसका महत्व क्या है? आइए इस आर्टिकल में जानते हैं जो इस प्रकार हैं -

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    Diwali 2025: दीवाली से जुड़ी प्रमुख बातें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा शुभ माना जाता है। यह माता लक्ष्मी और भगवान गणेश को समर्पित है। पांच दिवसीय इस महापर्व में धनतेरस के दिन से लेकर दिवाली तक नई वस्तुओं की खरीदारी की परंपरा है। इसी परंपरा में से एक झाड़ू खरीदना भी है। दरअसल, दीवाली (Diwali 2025) पर झाड़ू खरीदना सिर्फ एक रिवाज नहीं है, बल्कि इसके पीछे गहरी धार्मिक मान्यताएं हैं, तो आइए उनमें से कुछ को जानते हैं।

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    क्यों खरीदते हैं झाड़ू?

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को धन का प्रतीक माना जाता है। इसलिए दीवाली के दिन झाड़ू खरीदकर घर लाने से धन-दौलत में अपार वृद्धि होती है। इसके साथ ही घर में स्थिर रूप से माता लक्ष्मी का वास होता है और मां अपना आशीर्वाद सदैव के लिए बनाए रखती हैं। इसके अलावा धनतेरस के दिन (Dhanteras 2025) भी नया झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। इन दोनों दिन में से किसी भी दिन आप झाड़ू खरीद सकते हैं।

    झाड़ू खरीदने का महत्व

    • दरिद्रता का नाश - झाड़ू घर से गंदगी को बाहर करती है। गंदगी को दरिद्रता और नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। दीवाली पर नई झाड़ू खरीदने और उससे घर की सफाई करने का मतलब है कि आपने साल भर की दरिद्रता को घर से बाहर निकाल रहे हैं।
    • लक्ष्मी का वास - ऐसी मान्यता है कि जिस घर में साफ-सफाई रहती है, वहां देवी लक्ष्मी स्वयं निवास करती हैं। दीवाली के दिन झाड़ू खरीदने से घर में धन और समृद्धि स्थायी रूप से बनी रहती है। झाड़ू खरीदने की यह परंपरा धनतेरस के दिन भी निभाई जाती है, क्योंकि इस दिन की गई खरीदारी में 13 गुना वृद्धि होती है।

    नियम

    • झाड़ू को हमेशा छिपाकर और जमीन पर लिटाकर रखना चाहिए।
    • झाड़ू को खड़ा करके रखना अशुभ माना जाता है।
    • झाड़ू को लक्ष्मी का स्वरूप मानते हुए कभी भी उसे पैर नहीं लगाना चाहिए, न ही उसे लांघना चाहिए।
    • दीवाली से एक दिन पहले ही पुरानी झाड़ू को हटा दें और नई झाड़ू का उपयोग करें।
    • पुरानी झाड़ू को किसी ऐसी जगह पर फेंकें जहां उसे किसी का पैर न लगे।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।