नए घर की नींव में इसलिए रखे जाते हैं चांदी के नाग-नागिन, बड़ी ही खास है इसकी वजह
अपना घर बनाना हर किसी का सपना होता है। हिंदू धर्म में माना गया है कि अगर घर बनवाते समय वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। वहीं वास्तु शास्त्र में घर की नींव में चांदी के नाग-नागिन का एक जोड़ा रखना काफी शुभ माना गया है। चलिए जानते हैं इस बारे में।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने देखा होगा कि जब भी किसी घर का निर्माण कार्य शुरू किया जाता है, तो उनकी नींव में चांदी के नाग-नागिन का एक जोड़ा रखा जाता है। लेकिन क्या आप इसकी वजह जानते हैं। इसके पीछे कुछ पौराणिक मान्यताएं हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या है मान्यता
श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में वर्णन मिलता है कि धरती के नीचे पाताल लोक है, जिसके स्वामी शेषनाग हैं। इसलिए जब घर बनवाते समय नींव की पूजा की जाती है, तो इस दौरान वहां नाग-नागिन का जोड़ा रखा जाता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि शेषनाग ने अपने फन पर धरती का भार उठाया हुआ है।
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मिलते हैं ये लाभ
इन्हीं सब मान्यताओं के चलते यह माना जाता है कि अगर मकान बनवाते समय मकान की नींव में नाग-नागिन रखकर शेषनाग का आह्वान किया जाएं, तो इससे वह आपके घर की रक्षा करते हैं। इसी के साथ नाग देवता को घर के साथ-साथ संपत्ति का रक्षक भी माना जाता है। वहीं वास्तु मान्यताओं के अनुसार, नाग-नागिन का जोड़ा घर की नींव में रखने से वास्तु दोष भी दूर बना रहता है।
वहीं अगर चांदी की बात करें, तो इसे एक शुभ धातु के रूप में देखा जाता है। ऐसे में घर की नींव में चांदी से बने नाग-नागिन का जोड़ा रखने से नकारात्मक शक्तियों से बचाव होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है। चांदी की जगह पीतल से बने नाग-नागिन रखने से भी काफी लाभ देखने को मिल सकता है।
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इसलिए रखा जाता है कलश
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मान्यताओं के अनुसार, घर की नींव रखते समय चांदी के नाग-नागिन के साथ कलश रखना भी काफी शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश (भगवान शिव) का वास होता है। इस कलश में सिक्का, फूल और दूध डाला जाता है और शेषनाग का आह्वान किया जाता है।
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