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    Shani Dhaiya: धनु राशि के जातकों को कब मिलेगी शनि की ढैय्या से मुक्ति, ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 13 Apr 2025 09:30 PM (IST)

    सनातन धर्म में गुरुवार का दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी (Lord Vishnu) और बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। साथ ही गुरूवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    Shani Dhaiya: शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती में क्या अंतर है?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ज्योतिष गणना के अनुसार, वर्तमान समय में न्याय के देवता शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव अगले ढाई साल तक रहेंगे। इसके बाद राशि परिवर्तन करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से राशि चक्र की सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है। शनिदेव न्याय के देवता हैं। जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं।

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    शनिदेव के मीन राशि में गोचर करने से मेष राशि के जातकों पर साढ़ेसाती शुरू हुई है। वहीं, मकर राशि के जातक साढ़ेसाती से मुक्त हो चुके हैं। वहीं, सिंह और धनु राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हुई है। इन दोनों राशि के जातकों को आने वाले समय में कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि धनु राशि के जातकों को कब शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-

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    धनु राशि

    धनु राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति देव हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। इस राशि का शुभ रंग पीला है और शुभ अंक नौ और बारह है। धनु राशि के जातकों पर केतु की विशेष कृपा बरसती है। वहीं, गुरु की कृपा से धनु राशि के जातकों को जीवन में मनमुताबिक सफलता मिलती है। इस राशि क जातक धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। धनु राशि के जातक रोजाना पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करें।  

    कब मिलेगी शनि की ढैय्या से मुक्ति?

    वर्तमान समय में शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव 02 जून, 2027 तक रहेंगे। इसके अगले दिन यानी 03 जून को शनिदेव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। शनिदेव के राशि परिवर्तन करने से धनु राशि के जातकों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। इसके बाद मकर राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू होगी। हालांकि, वर्तमान वर्ष में शनिदेव के वक्री होने पर पुन: कुछ दिनों तक शनि की ढैय्या से गुजरना पड़ सकता है।

    शनि देव को कैसे करें प्रसन्न?

    देवों के देव महादेव और जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके लिए रोजाना भगवान कृष्ण और महादेव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करें। इसके साथ ही गुरुवार के दिन दान करें। इन उपायों को करने से शनिदेव कृपा अवश्य मिलेगी।  

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।