Falgun Chaturthi 2025: फाल्गुन माह में कब है द्विजप्रिय संकष्टी और विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त
सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही जीवन के विघ्न को दूर करने के लिए सच्चे मन से व्रत भी किया जाता है। अब फाल्गुन माह की शुरुआत होने जा रही है तो तो ऐसे में चलिए जानते हैं फाल्गुन में कब कौन-सी चतुर्थी तिथि (Dwijapriya Sankashti 2025) व्रत किया जाएगा?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। फाल्गुन माह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आखिरी महीना होता है। इस माह की शुरुआत माघ पूर्णिमा के अगले दिन से होती है। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन (Falgun Month 2025) माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 फरवरी की रात को 08 बजकर 21 मिनट पर होगी। ऐसे में 13 फरवरी से फाल्गुन माह की शुरुआत होगी। वहीं, इस माह का समापन 14 मार्च को होगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण व्रत और पर्व मनाए जाएंगे। जिनका विशेष महत्व है।
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwipriya Sankashti 2025 Kab hai) और विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं फाल्गुन माह की चतुर्थी व्रत की डेट और शुभ मुहूर्त के बारे में।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 15 फरवरी को रात को 11 बजकर 52 मिनट पर हो रही है और तिथि का समापन अगले दिन यानी 17 फरवरी को रात 02 बजकर 15 मिनट पर होगा। इस प्रकार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का पर्व 16 फरवरी को मनाया जाएगा।
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विनायक चतुर्थी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह (Vinayak Chaturthi Phalgun 2025 Shubh Muhurat) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का प्रारंभ 02 मार्च को रात 09 बजकर 01 मिनट पर हो रहा है। वहीं, तिथि का समापन अगले दिन यानी 03 मार्च को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi Kab hai) 03 मार्च को मनाई जाएगी।
ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा (Lord Ganesh Puja Vidhi)
चतुर्थी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। अब दीपक जलाकर पूजा की शुरुआत करें। सच्चे मन से भगवान गणेश की आरती करें। मोदक और फल समेत प्रिय चीजों का भोग लगाएं। इस दौरान भोग मंत्र का जप करें। आखिरी में लोगों में प्रसाद बाटें।
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