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    Jagannath Rath Yatra 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा से मिले प्रसाद का क्या करें? ध्यान रखें ये बातें

    Updated: Mon, 30 Jun 2025 01:45 PM (IST)

    जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2025) एक पवित्र पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को खींचना मोक्ष के समान है। इस यात्रा में मिलने वाले प्रसाद का भी बहुत महत्व है जिसे महाप्रसाद कहा जाता है। मान्यता है कि इसे ग्रहण करने से पाप कट जाते हैं और सुख-समृद्धि मिलती है। आइए इससे जुड़े नियम जानते हैं।

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    Jagannath Rath Yatra 2025 Prasada: महाप्रसाद का क्या करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जगन्नाथ रथ यात्रा सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि एक पवित्र अनुभव है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों को खींचना और उनके दर्शन करना भक्तों के लिए मोक्ष के समान होता है। कहते हैं कि इस यात्रा में मात्र एक बार शामिल होने से सभी कष्टों का अंत हो जाता है। इसके साथ ही इस यात्रा में मिलने वाले प्रसाद (Jagannath Rath Yatra 2025 Prasada) का भी बहुत महत्व है, तो आइए यहां जानते हैं कि यहां मिले प्रसाद का क्या करना चाहिए?

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    प्रसाद का महत्व (Jagannath Rath Yatra 2025 Prasada Significance)

    जगन्नाथ मंदिर में मिलने वाले प्रसाद को महाप्रसाद कहा जाता है। इसलिए ये बेहद विशेष है, क्योंकि इसे सीधे भगवान जगन्नाथ को चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करने से व्यक्ति के सभी पाप कट जाते हैं। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। कहते हैं कि यह सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि यह आत्मा को भी पवित्र करता है।

    महाप्रसाद का क्या करें? (Jagannath Rath Yatra 2025 Prasada Tips)

    • श्रद्धापूर्वक ग्रहण करें - महाप्रसाद को हमेशा पूरी भक्ति भाव के साथ ग्रहण करना चाहिए। इसे खाते समय भगवान जगन्नाथ का ध्यान करें और इसे जल्दबाजी या फिर लापरवाही से न खाएं। ताकि ये कहीं गिरे न।
    • बर्बाद न करें - यह प्रसाद भगवान का आशीर्वाद है, इसलिए इसका एक भी दाना व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। जितना खा सकें, उतना ही लें। अगर थोड़ा सा भी बच जाए, तो उसे फेंके नहीं, बल्कि किसी पवित्र स्थान पर रखें या पशु-पक्षियों को खिला दें।
    • लोगों में बांटें - महाप्रसाद को अकेले नहीं खाना चाहिए। इसे अपने परिवार के सदस्यों, मित्रों और अन्य लोगों में बांटना चाहिए। प्रसाद बांटने से भगवान की कृपा कई गुना बढ़ जाती है और सभी को भी उनका आशीर्वाद मिलता है।
    • सूखा प्रसाद संभाल कर रखें - अगर आपको सूखे प्रसाद, जैसे कि खुरमा, गजा या अन्य मीठी चीजें मिली हैं, तो उन्हें संभाल कर रख सकते हैं। इन्हें बाद में भी श्रद्धापूर्वक ग्रहण किया जा सकता है या जिसे भगवान के आशीर्वाद के रूप में देना चाहते हैं, उसे दे सकते हैं।
    • बीमारों और जरूरतमंदों को दें - महाप्रसाद का एक महत्वपूर्ण उपयोग ये भी है कि इसे बीमार और जरूरतमंद लोगों को दिया जाए। ऐसी मान्यता है कि इससे उन्हें शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
    • घर में रखें - कुछ लोग प्रसाद के छोटे टुकड़े को घर के कोनों में या अनाज के डिब्बे में भी रखते हैं, ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और अन्न-धन की बरकत बनी रहे।

    क्या न करें

    • गलती से भी प्रसाद का अपमान न करें।
    • प्रसाद को अपवित्र स्थान पर न रखें।
    • प्रसाद घमंड के साथ ग्रहण न करें।
    • साफ हाथों से प्रसाद लें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।