Jagannath Rath Yatra 2025: क्या है जगन्नाथ बाबा के तीनों रथों के नाम? जिनकी चारों तरफ है चर्चा
जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra 2025) शुरू हो चुकी है जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा के रथ इस यात्रा के मुख्य आकर्षण हैं। हिंदू धर्म में इस धार्मिक अनुष्ठान को बहुत मंगलकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसमें शामिल होने से भक्तों के सभी कष्टों का अंत होता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। इस पवित्र यात्रा का हिस्सा बनने लाखों श्रद्धालु पहुंचे हैं। ये केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि एक परंपरा है, जो लाखों भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक है। इस भव्य आयोजन (Jagannath Rath Yatra 2025) का मुख्य आकर्षण भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के लिए तैयार किए गए रथ होते हैं, जिन्हें खास तरीकों से बनाया जाता है, तो चलिए इस आर्टिकल में तीनों रथों के नाम जानते हैं, जो बेहद विशाल हैं।
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नंदी घोष (Nandighosha)
भगवान जगन्नाथ का रथ, जिसे नंदीघोष के नाम से जाना जाता है। यह तीनों रथों में सबसे बड़ा और खास होता है। इसे गरुड़ध्वज या कपिलध्वज भी कहा जाता है, क्योंकि इसके ध्वज पर भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ का चिह्न बना हुआ है। इसकी ऊंचाई लगभग 42.65 फीट होती है और इसमें 16 विशाल पहिए होते हैं।
तालध्वज (Taladhwaja)
भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई, भगवान बलभद्र के रथ का नाम तालध्वज है। इसका मतलब ताड़ का पेड़ है, जो रथ के ध्वज पर दिखाया जाता है। यह रथ यात्रा में सबसे आगे चलता है। इसकी ऊंचाई लगभग 43.30 फीट है और इसमें 14 पहिए होते हैं। इसे लाल और नीले रंग के वस्त्रों से सजाया जाता है।
दर्पदलन (Darpadalana)
भगवान जगन्नाथ और बलभद्र की बहन, देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब है कि 'घमंड का नाश करने वाली', जो देवी सुभद्रा के विनय और करुणा के गुणों को भी दिखाता है। इसकी ऊंचाई लगभग 42.32 फीट है और इसमें 12 पहिए होते हैं। यह रथ लाल और काले रंग के वस्त्रों से सजाया जाता है, जो शक्ति का प्रतीक हैं।
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