Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी पर घर के इन स्थान में जलाएं दीपक, सोने सी चमकेगी किस्मत!
देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस साल यह 6 जुलाई को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन (Devshayani Ekadashi 2025) को लेकर कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है तो आइए उन उपाय के बारे में जानते हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शास्त्रों में देवशयनी एकादशी का बहुत महत्व है। यह वह दिन है जब भगवान विष्णु चार महीने के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास के नाम से जाना जाता है। इस दौरान कोई भी शुभ काम जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते। वहीं, देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025) को लेकर कुछ ज्योतिषीय उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति की किस्मत चमक सकती है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, तो आइए उन उपायों के बारे में जानते हैं।
देवशयनी एकादशी पर दीपक से करें ये उपाय (Devshayani Ekadashi 2025 Remedies)
- तुलसी के पास - तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है। ऐसे में देवशयनी एकादशी की शाम को तुलसी के पौधे के पास गाय के घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी खुश होती हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- मुख्य द्वार पर - इस दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- पूजा घर - इस दिन पूजा घर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने अखंड दीपक जलाना चाहिए। यह दीपक पूरी रात जलता रहे, इसका ध्यान रखें। ऐसा करने से भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद मिलता है और घर में खुशहाली आती है।
- पीपल के पेड़ के नीचे - इस पावन तिथि पर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे एक दीपक जरूर जलाएं, क्योंकि पीपल के पेड़ में देवताओं का वास माना जाता है और इस दिन दीपक जलाने से पितरों को भी शांति मिलती है।
- रसोई घर - इस दिन रसोई घर में भी एक दीपक जलाना चाहिए। रसोई घर को मां अन्नपूर्णा का वास स्थान माना जाता है। कहा जाता है कि यहां दीपक जलाने से जीवन में कभी अन्न-धन की कमी नहीं होती और घर में बरकत बनी रहती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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