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    Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी व्रत करने का क्या है सही नियम? पूजा से पहले जान लें सभी बातें

    Updated: Sun, 29 Jun 2025 11:24 AM (IST)

    देवशयनी एकादशी का दिन बहुत ही खास माना जाता है। एकादशी हर महीने में दो बार आती है। इस साल यह (Devshayani Ekadashi 2025) 06 जुलाई को मनाई जाएगी। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है तो आइए इस व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण (Devshayani Ekadashi 2025) बातों को जानते हैं।

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    Devshayani Ekadashi 2025: देवशयनी एकादशी व्रत नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवशयनी एकादशी का व्रत हर साल आषाढ़ पूर्णिमा को रखा जाता है। इस साल यह पर्व (Devshayani Ekadashi 2025) 06 जुलाई को पड़ रहा है। ऐसी मान्यता है कि जो साधक इस व्रत को रखते हैं, उन्हें हर काम में सफलता मिलती है। इसके साथ ही सभी पापों का नाश होता है। भगवान विष्णु को एकादशी का व्रत बहुत ज्यादा प्रिय है। इसलिए आइए देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2025 Fast Rules) व्रत रखने का सही नियम क्या है? इस आर्टिकल में जानते हैं।

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    देवशयनी एकादशी में क्या नहीं खाना चाहिए? (Devshayani Ekadashi 2025 Vrat Me Kya Na Khayen?)

    अगर आप भी देवशयनी एकादशी के दिन व्रत कर रहे हैं, तो अपने खाने का पूरा ख्याल रखें, क्योंकि यह व्रत को सफल और असफल बनाने में अहम भूमिका निभाता है। आपको बता दें, व्रती को एकादशी व्रत के दिन भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस तिथि पर तामसिक भोजन जैस- मांस-मदिरा प्याज, लहसुन, मसाले, तेल आदि से भी परहेज करना चाहिए।

    इसके साथ ही इस व्रत (Significance Of Devshayani Ekadashi 2025) में चावल व नमक का सेवन करने से भी बचना चाहिए। कहते हैं कि इन बातों को अनदेखा करने से व्रत खंडित हो सकता है।

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    प्रसाद अर्पित करने का मंत्र (Devshayani Ekadashi 2025 Bhog Mantra)

    देवशयनी एकादशी पर विष्णु जी को भोग लगाते समय इस मंत्र ''त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।'' का भक्ति भाव के साथ जप करें। इस मंत्र का जप करने से भोग स्वीकार हो जाता है। इसके साथ ही व्रत का शुभ फल मिलता है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।