Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Wedding Dates in 2025: नवंबर 2025 में शुरू होंगे विवाह के मुहूर्त, जानिए किस क्रम में बांटने हैं पहले 5 कार्ड

    गुरु के अस्त होने की वजह से फिलहाल शादी-विवाह के कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं। उनके उदित होने से पहले देवशयनी एकादशी आने की वजह से अब शहनाई नवबंर (wedding muhurat November 2025) में बजेगी। इस दौरान शादी के निमंत्रण बांटने का काम भी किया जाएगा। मगर, क्या आप जानते हैं कि शादी के पहले पांच कार्ड किसे दिए जाते हैं।

    By Shashank Shekhar Bajpai Edited By: Shashank Shekhar Bajpai Updated: Tue, 24 Jun 2025 07:08 PM (IST)
    Hero Image

    बिना किसी रुकावट के विघ्नहर्ता गणेश संपन्न कराएं मांगलिक कार्य।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विवाह के कारक देवगुरु बृहस्पति 9 जुलाई को उचित होंगे। इसके बाद मांगलिक कार्य किया जा सकेंगे। मगर, 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के योग निद्रा में चले जाएंगे। ऐसे में 4 महीना के लिए शादी के कार्यक्रम स्थागित हो जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विवाह की अगली तिथियां देवउठनी ग्यारस 1 नवंबर 2025 के बाद शुरू होंगी। शादी के शुभ मुहूर्त 2 नवंबर (Vivah Muhurat November 2025) से फिर से शुरु हो जाएंगे। इस दौरान शादी के कार्ड्स भी बांटे जाएंगे। मगर, क्या आपको पता है कि निमंत्रण देने का भी एक क्रम होता है।

    सबसे पहले शादी का कार्ड भगवानों में किसे दिया जाता है। परिवार में सबसे पहला कार्ड किसे दिया जाता है। इसके पीछे क्या कारण है। मगर, इससे पहले जानते हैं कि नवंबर और दिसंबर में कब हैं शादी के मुहूर्त।

    wedding function

    इन तारीखों पर बजेगी शहनाई

    शादी के शुभ मुहूर्त नवंबर में 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30 तारीख को हैं। इसके बाद दिसंबर में 4, 5, 6 तारीख को भी इस साल शादी के शुभ मुहूर्त मिल जाएंगे।

    अब जानिए देवताओं में किसे देते हैं कार्ड

    शादी का पहला कार्ड प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता भगवान गणेश को दिया जाता है। इसके पीछे का कारण है कि गणेश जी का आशीर्वाद बिना किसी रुकावट के संपन्न होते हैं। वैवाहिक जीवन के शुरुआत और सुखमय जीवन की कामना के लिए उनकी पूजा करते हैं।

    लक्ष्मी नारायण को देते हैं दूसरा कार्ड

    सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु हैं, जबकि जीवन को चलाने के लिए लक्ष्मी की जरूरत होती है। इसलिए दूसरा निमंत्रण उन्हें दिया जाता है, ताकि वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य बना रहे।

    कुलदेवता और कुलदेवी को तीसरा न्योता

    परिवार की रक्षा के लिए हर व्यक्ति का कोई न कोई कुलदेवी या कुलदेवता होता है। शादी का तीसरा कार्ड उन्हें ही दिया जाता है। यह परिवार की आस्था और कृतज्ञता प्रकट करने का तरीका है, ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता रहे। विवाह के बाद संतान उत्पत्ति और उनकी रक्षा कुलदेवी या देवता आगे भी करते रहें।

    यह भी पढ़ें- मां कामाख्या देवी में लगा है अंबुबाची मेला 2025, प्रसाद में मिलेगा रजस्वला वस्त्र

    पितरों को निमंत्रण

    शादी के दौरान देवी-देवताओं के आह्वान के साथ ही पितरों को भी याद किया जाता है। इसलिए पूर्वजों का आशीर्वाद लेने के लिए चौथा कार्ड पितरों के निमित्त निकाला जाता है।

    रिश्तेदारों में पहला न्योता मामा को

    शादी का पांचवा कार्ड और रिश्तेदारों में पहला कार्ड मामा को भेजा जाता है। दरअसल, वह मामेरा या भात लाता है। शादी में वर या वधू के पिता के बाद दूसरा महत्वपूर्ण काम मामा का ही होता है। लिहाजा, रिश्तेदारों में पहला कार्ड मामा को ही दिया जाता है।

    यह भी पढ़ें- 13 जुलाई से शनि की होगी उल्टी चाल, इन राशि वालों का लाएगी गोल्डन टाइम

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।