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    Vrishchik Sankranti 2025: वृश्चिक संक्रांति पर जरूर करें ये उपाय, करियर में मिलेगी उन्नति

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 06:30 PM (IST)

    ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव हर महीने राशि बदलते हैं, जिसे संक्रांति कहते हैं। 16 नवंबर को सूर्य तुला राशि से वृश्चिक में प्रवेश करेंगे, इसलिए वृश्चिक संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन किए गए उपायों से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और करियर में सफलता मिलती है। चलिए जानते हैं सूर्य देव की कृपा प्राप्ति के उपाय।

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    Vrishchik Sankranti 2025 इस तरह मिलेगी सूर्य देव की कृपा।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य देव के 12 अलग-अलग राशियों में प्रवेश करने से साल में 12 संक्रांति मनाई जाती हैं। जब सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे 'वृश्चिक संक्रांति' (Vrishchik Sankranti 2025) के नाम से जाना जाता है। ऐसे में अगर आप इस दिन पर कुछ विशेष उपाय करते हैं, तो इससे आपको सूर्य देव की कृपा मिल सकती है, जिससे मान-सम्मान में वृद्धि होती है।

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    वृश्चिक संक्रांति के शुभ मुहूर्त -

    • वृश्चिक संक्रांति पुण्य काल - सुबह 7 बजकर 45 मिनट से दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक
    • वृश्चिक संक्रांति महा पुण्य काल - सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक
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    जरूर करें ये उपाय

    वृश्चिक संक्रांति के दिन एक तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली व लाल रंग के फूल मिलाकर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस समय "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें। साथ ही आप निम्न मंत्र का भी जप कर सकते हैं-

    एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते ।
    अनुकम्पय मां देवी गृहाणा‌र्घ्यं दिवाकर ।।

    ऐसा करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और साधक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। साथ ही इस उपाय को करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और करियर व कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है।

    मिलेगा सूर्य देव का आशीर्वाद

    वृश्चिक संक्रांति के दिन लाल रंग के वस्त्रों और गुड़ का दान करें। इसके साथ ही इस दिन पर अपनी क्षमता के अनुसार, अन्न और धन का भी दान कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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    करें इन मंत्रों का जप

    1. ॐ सूर्यनारायणायः नमः।

    2. ऊँ घृणि सूर्याय नमः

    3. सूर्य ग्रह के 12 मंत्र -

    ॐ आदित्याय नमः।
    ॐ सूर्याय नमः।
    ॐ रवेय नमः।
    ॐ पूषणे नमः।
    ॐ दिनेशाय नमः।
    ॐ सावित्रे नमः।
    ॐ प्रभाकराय नमः।
    ॐ मित्राय नमः।
    ॐ उषाकराय नमः।
    ॐ भानवे नमः।
    ॐ दिनमणाय नमः।
    ॐ मार्तंडाय नमः।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।