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    Vrindavan: वृंदावन जाने का बना रहे हैं मन, तो लौटते समय अपने साथ जरूर लाएं ये चीजें

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 04:42 PM (IST)

    सनातन मान्यताओं के अनुसार कृष्ण जी को भगवान विष्णु का 8वां अवतार माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपने जीवन का अधिकतम समय वृंदावन में बिताया है इसलिए इस स्थान को बहुत ही पवित्र माना गया है। ऐसे में यदि वृंदावन से आते समय आप ये चीजें अपने घर लाते हैं तो आपको भगवान कृष्ण की विशेष कृपा की प्राप्ति हो सकती है।

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    Vrindavan वृंदावन से लौटते समय जरूर लाएं ये चीजें।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वृंदावन के मंदिरों के दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं। वृंदावन में भगवान कृष्ण और राधा रानी के कई मंदिर मौजूद हैं, जिन्हें लेकर अलग-अलग मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसे में यदि आप भी वृंदावन घूमने का मन बना रहे हैं, तो वहां से लौटते समय अपने साथ वृंदावन की ये कुछ चीजें जरूर लाएं। ऐसा करने से आपको भगवान कृष्ण और राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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    जरूर लाएं ये चीज

    वृंदावन से लौटते समय अपने साथ वृंदावन की मिट्टी अर्थात ब्रज की रज लाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस मिट्टी को उस स्थान पर रख दें, जहां आप भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, ऐसा करने से सभी प्रकार के दुख-दर्द दूर होते हैं।

    कर सकते हैं ये काम

    आप ब्रज से लाई गई इस मिट्टी को एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में भी रख सकते हैं, इससे आपको धन लाभ देखने को मिलेगा। साथ ही इस रज से रोजाना तिलक की तरह अपने माथे पर लगाने से भगवान कृष्ण और राधा रानी की कृपा प्राप्त हो सकती है।

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    नकारात्मकता होगी दूर

    अपनी आप अपने भाग्य में वृद्धि करना चाहते हैं, तो इसके लिए वृंदावन से लौटते समय अपने साथ यमुना का जल लेकर आ सकते हैं। क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने स्वयं यहां यमुना में कई लीलाएं की हैं। इस जल का छिड़काव अपने पूरे घर में करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा घर से दूर बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।