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    Salasar Balaji Mandir: बेहद प्रसिद्ध है सालासर बालाजी मंदिर, दर्शन करने से मनोकामनाएं होती हैं पूरी

    Updated: Sat, 08 Jun 2024 01:26 PM (IST)

    राजस्थान के चुरू जिले में हनुमान जी का सालासर बालाजी मंदिर (Salasar Balaji Mandir) बेहद प्रसिद्ध है। इस मंदिर में अधिक संख्या में श्रद्धालु हनुमान जी की पूजा और दर्शन करने के लिए आते हैं। यह भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी गोल चेहरे के साथ दाढ़ी और मूंछ में विराजमान हैं। इसके पीछे एक रोचक कहानी है।

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    Salasar Balaji Mandir: बेहद प्रसिद्ध है सालासर बालाजी मंदिर, दर्शन करने से मनोकामनाएं होती हैं पूरी

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Salasar Balaji Mandir: देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भक्त हनुमान जी को समर्पित ऐसे में कई मंदिर हैं, जो अपने रहस्य की वजह से बेहद प्रसिद्ध हैं। इनमें सालासर बालाजी मंदिर भी शामिल है। धार्मिक मान्यता है कि इस मंदिर में पूजा और दर्शन करने से साधक की सभी मनोकामना पूरी होती है और इंसान को हर तरह की बीमारियों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से।

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    राजस्थान के चूरू में है मंदिर

    राजस्थान के चुरू जिले में हनुमान जी का सालासर बालाजी मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इस मंदिर में अधिक संख्या में श्रद्धालु हनुमान जी की पूजा और दर्शन करने के लिए आते हैं। यह भारत का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी गोल चेहरे के साथ दाढ़ी और मूंछ में विराजमान हैं। इसके पीछे एक रोचक कहानी है।

    सालासर बालाजी मंदिर के बारे में ऐसा बताया जाता है कि यहां हनुमान जी ने पहली बार महात्मा मोहनदास महाराज के नाम के व्यक्ति को दाढ़ी मूंछों वाले रूप में दर्शन दिए थे। तब मोहनदास ने बालाजी को इसी रूप में प्रकट होने की बात कही थी। इसलिए इस मंदिर में हनुमान जी की दाढ़ी और मूछों में मूर्ति स्थापित है।

    इस मंदिर में हनुमान जी को प्रसाद के रूप में नारियल अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि नारियल के चढ़ावे से श्रद्धालु की बजरंगबली सभी मनोकामना पूरी करते हैं।

    ये है कथा

    पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक किसान खेत जोत रहा था। तभी अचानक से हल किसी नुकीली पथरीली चीज से टकरा गया और उसने देखा तो यहां एक पत्थर था, जो एक मूर्ति हनुमान जी और दूसरी मूर्ति बालाजी की थी। बताया जाता है कि एक बार रात में बालाजी ने सपने में आकर किसान को मूर्ति को चुरू जिले के सालासर में स्थापित करने के लिए कहा था। तभी से एक मूर्ति सालासर और दूसरी मूर्ति पाबोलाम में विराजमान है।

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    अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।