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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी पर प्रीति योग समेत बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, मिलेगा दोगुना फल

    By Pravin KumarEdited By: Pravin Kumar
    Updated: Sun, 30 Mar 2025 07:00 PM (IST)

    प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2025) भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही कारोबार को नया आयाम मिलता है। चतुर्थी तिथि पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है।

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    Vinayak Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार 01 अप्रैल को विनायक चतुर्थी है। यह पर्व हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

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    ज्योतिषियों की मानें तो विनायक चतुर्थी पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में सुखों का आगमन होता है। आइए, विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

    विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 01 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर होगी और 02 अप्रैल को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 01 अप्रैल को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन चन्द्रास्त रात 10 बजकर 14 मिनट पर होगा।

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    विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)

    चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर प्रीति योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग सुबह 09 बजकर 48 मिनट से हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इसके साथ ही भद्रावास का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, भरणी एवं कृत्तिका नक्षत्र का भी संयोग है। भद्रावास योग शाम 04 बजकर 04 मिनट से देर रात 02 बजकर 32 मिनट तक है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 39 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- सुबह 07 बजकर 54 मिनट पर
    • चंद्रास्त- शाम 10 बजकर 14 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 38 मिनट से 07 बजकर 01 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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