Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया कब है? यहां जानें सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त
धन की देवी मां लक्ष्मी की महिमा अपरंपार हैं। मां लक्ष्मी अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाती हैं। उनकी कृपा से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही मनचाहा अक्षय फल मिलता है। देवी मां लक्ष्मी को श्रीफल अति प्रिय है। अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) के दिन पूजा के समय देवी मां लक्ष्मी को श्रीफल अवश्य ही अर्पित करें।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के अगले दिन अक्षय तृतीया मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा एवं साधना की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि अक्षय तृतीया के दिन देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में आर्थिक संपन्नता बनी रहती है। साथ ही धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती रहती है।
अक्षय तृतीया के दिन सोना या सोना से निर्मित आभूषण खरीदने का विधान है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। इस शुभ तिथि पर सोना खरीदने से शुभ फल मिलता है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की भी कृपा बरसती है। आइए, अक्षय तृतीया की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।
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अक्षय तृतीया शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 29 अप्रैल को संध्याकाल 05 बजकर 31 मिनट पर होगी। वहीं, तृतीया तिथि का समापन 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया मनाया जाएगा। 30 अप्रैल के दिन पूजा का शुभ समय सुबह 05 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है।
सोना खरीदने का समय
ज्योतिषियों की मानें तो अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने के लिए शुभ समय 30 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 41 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 12 मिनट तक है। इस दौरान सोने की खरीदारी कर सकते हैं। इसके साथ ही 29 अप्रैल को संध्याकाल में भी सोने की खरीदारी कर सकते हैं।
अक्षय तृतीया शुभ योग
अक्षय तृतीया पर दुर्लभ शोभन योग का संयोग बन रहा है। शोभन योग का समापन दोपहर 12 बजकर 02 मिनट पर होगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है। इस योग में खरीदारी करने से शुभ फल मिलेगा। साथ ही शुभ काम में सिद्धि मिलेगी। इसके अलावा, रात्रि के समय रवि योग का निर्माण हो रहा है।
करण एवं नक्षत्र
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र का संयोग है। इसके साथ ही गर और वणिज करण के योग बन रहे हैं। ज्योतिष गर और वणिज करण को शुभ मानते हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही साधक पर मां लक्ष्मी की कृपा बरसेगी।
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