Guru Mahadasha: कितने साल तक चलती है गुरु की महादशा और कैसे करें बृहस्पति देव को प्रसन्न?
ज्योतिषियों की मानें तो वर्तमान समय में गुरु वृषभ राशि में विराजमान हैं। वहीं मई महीने में देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर (Guru Mahadasha Upay) करेंगे। इसके बाद अक्टूबर महीने में देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में गोचर करेंगे। गुरु के राशि परिवर्तन से कई राशि के जातकों के जीवन में विशेष बदलाव देखने को मिल सकता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। देवताओं के गुरु बृहस्पति देव को गुरुवार का दिन प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल पाने के लिए गुरवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां करती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियां की शादी शीघ्र हो जाती है।
धार्मिक मत है कि बृहस्पति देव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही साधक को जीवन में समय के साथ पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। लेकिन क्या आपको पता है कि गुरु की महादशा (Brihaspati Mahadasha) कितने साल तक चलती है और बृहस्पति देव को कैसे प्रसन्न करें? आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
यह भी पढ़ें: सिंह राशि के जातक रोजाना करें ये उपाय, शनि की बाधा होगी दूर
गुरु की महादशा
ज्योतिषियों की मानें तो गुरु की महादशा 16 साल तक चलती है। इस दौरान सभी शुभ और अशुभ ग्रहों की अंतर्दशा चलती है। इनमें सबसे पहले गुरु की अंतर्दशा चलती है। गुरु की अंतर्दशा दो साल की रहती है। इसके बाद शनि की अंतर्दशा चलती है। गुरु की महादशा में शुभ ग्रहों की अंतर्दशा में जातक को शुभ फल मिलता है। वहीं, राहु या केतु की अंतर्दशा में जातक को शुभ कामों में असफलता मिलती है। ऐसा भी होता है कि जातक को ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राहु और केतु के साथ गुरु के रहने पर गुरु चांडाल दोष का निर्माण होता है।
गुरु महादशा उपाय (Guru Mahadasha Upay)
- बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें। इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें। गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से गुरु मजबूत होता है।
- बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले रंग की चीजों का दान करें। आप पीले रंग के कपड़े, पीले फल, चना, केला, पपीता आदि चीजों का दान करें। इन चीजों के दान से गुरु मजबूत होता है।
- गुरुवार के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय केसर मिश्रित दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय को करने से भी बृहस्पति देव की कृपा साधक पर बरसती है।
- गुरुवार के दिन स्नान-ध्यान के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें। इसके बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। वहीं, केले के पौधे को हल्दी मिश्रित जल का अर्घ्य दें। इस उपाय को करने से देवगुरु बृहस्पति प्रसन्न (Brihaspati dev Ko Khush Karne ke Upay) होते हैं।
यह भी पढ़ें: कुंडली में कैसे बनता है शेषनाग कालसर्प दोष? इन उपायों से करें दूर
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।