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    क्या आप जानते हैं विजयदशमी और दशहरे के बीच का अंतर? मिलता है खास संकेत

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 02:17 PM (IST)

    कई लोग विजयदशमी और दशहरा (Vijaya Dashami Vs Dussehra) को एक ही समझते हैं लेकिन इन दोनों में एक बहुत ही बड़ा अंतर है जिसे जानना जरूरी है। जहां एक पर्व मां दुर्गा से जुड़ा हुआ है वहीं दूसरा रावण के वध से जुड़ा हुआ है। ऐसे में चलिए जानते हैं इन दोनों पर्वों के बीच क्या अंतर है।

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    know the Difference between Vijayadashami and Dussehra

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयदशमी और दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह दोनों ही त्योहार अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देते हैं। अगर आप भी विजयदशमी और दशहरा (Dussehra And Vijayadashami Difference) के पर्व को एक ही समझते हैं, तो आज हम आपको इस दोनों पर्वों के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं।

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    क्यों मनाया जाता है दशहरा

    आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर दशहरे का पर्व मनाया जाता है। यह वह दिन है जब भगवान राम ने रावण का वध किया था और अधर्म पर धर्म की स्थापना की थी। हर साल इस दिन पर देशभर में मेले लगते हैं और रावण का पुतला बनाकर उसका दहन किया जाता है, जिसे हम सभी रावण दहन के रूप में जानते हैं।

    (Picture Credit: Freepik)

    साथ ही लोग इस दिन पर लोग अपने अंदर की रावण रूपी बुराइयों का दहन करने का भी संकल्प लेते हैं। यह पर्व इस बात का भी संकेत है, कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, वह कभी भी अच्छाई से नहीं जीत सकती।

    विजयादशमी का महत्व

    हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली दशमी तिथि पर ही विजयदशमी का भी पर्व मनाया जाता है। इस दिन को मां दुर्गा के महिषासुर नामक दैत्य पर विजय के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार शारदीय नवरात्र के समापन का प्रतीक भी है। मार्कंडेय पुराण में वर्णित कथा के अनुसार, देवी दुर्गा ने आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से दशमी तिथि तक महिषासुर से युद्ध किया था।

    नौ दिन के युद्ध के बाद दसवें दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का वध कर दिया। इसलिए नवरात्र के दसवें दिन को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्ति का विसर्जन भी किया जाता है। इसके साथ ही कई स्थानों पर विजयदशमी के दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा का भी विधान है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है