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    Sankashti Chaturthi 2025: आश्विन महीने में कब है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 08:30 PM (IST)

    धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2025) की पूजा करने से साधक पर शिव परिवार की विशेष कृपा बरसती है। इस दिन चंद्र देव के दर्शन करने का भी विधान है। चंद्र देव की पूजा से शुभ कामों में सफलता मिलती है। साथ ही मानसिक तनाव की समस्या से मुक्ति मिलती है।

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    Sankashti Chaturthi 2025: भगवान गणेश को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आश्विन का महीना बेहद खास होता है। इस महीने में पितृ पक्ष और शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। पितृ पक्ष कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। वहीं, शारदीय नवरात्र शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के दौरान जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है। नवरात्र के दौरान देवी मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।

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    आश्विन महीने में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष कामों में सफलता पाने के लिए चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। आइए, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2025) की तिथि एवं योग जानते हैं-

    विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि बुधवार 10 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 11 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर होगा। इस तिथि पर चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त शाम 08 बजकर 06 मिनट पर है।

    विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ योग (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Yog)

    ज्योतिषियों की मानें तो विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें वृद्धि और ध्रुव समेत शिववास योग का संयोग है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलेगा।

    पंचांग (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Panchang)

    • सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- रात 08 बजकर 06 मिनट पर
    • चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 35 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 32 मिनट से 06 बजकर 55 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

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