Vastu Tips: नहीं मिलती है आपको प्रतिष्ठा, घर में रविवार के दिन रख लें सूर्य देव की प्रतिमा
जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर कोई मेहनत करता है लेकिन कई बार पद और पैसा होने पर भी समाज में इज्जत नहीं मिलती। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है इसलिए उनकी उपासना करनी चाहिए। घर में सूर्य की लकड़ी पत्थर तांबे या चांदी से बनी प्रतिमा स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और मान-सम्मान मिलता है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जीवन को बेहतर ढ़ंग से जीने के लिए हर कोई मेहनत करता है। कोई नौकरी करता है, तो कोई बिजनेस करता है। इसकी दो वजहें हैं, पहली पैसा कमाना और दूसरा उस पैसे और काम से समाज में इज्जत पाना। हालांकि, कई बार पद और पैसा होने के बावजूद भी कुछ लोगों को समाज में इज्जत नहीं मिलती है।
यदि आपको भी ऐसा ही कुछ महसूस होता है, तो संभव है कि आपकी कुंडली में सूर्य नीच के होंगे या शत्रु क्षेत्री होंगे या पीड़ित होंगे। यदि ऐसा हो, तो आपको किसी योग्य ज्योतिषी को कुंडली दिखाकर राय लेनी चाहिए।
हालांकि, आप वास्तु शास्त्र के कुछ उपाय करके भी कुछ हद तक इस परेशानी को हल कर सकते हैं। दरअसल, ज्योतिष में सूर्य को ग्रहों का राजा, मान-सम्मान, पद और प्रतिष्ठा का कारक ग्रह माना जाता है। यदि उनको साध लिया जाए, तो जीवन में मान-सम्मान की कमी नहीं होती है।
वास्तु के अनुसार, जिस घर में सूर्य की पर्याप्त रोशनी नहीं पंहुचती हैं, वहां निगेटिव एनर्जी बढ़ने लगती है। इसकी वजह से भी मान-सम्मान में कमी आती है और घर में रोग, दोष बढ़ने लगते हैं। इसे दूर करने के लिए सूर्य की उपासना करनी चाहिए। सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
सूर्य की प्रतिमा घर में रखनी चाहिए
इसके साथ ही आप एक और उपाय कर सकते हैं। आपको घर में सूर्य की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। सूर्य देव की घर में मौजूदगी से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। सूर्य की लकड़ी से बनी प्रतिमा घर में रखने से व्यक्ति को मान-सम्मान मिलने लगता है।
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यदि आपके मंगलकारी कार्य पूरे नहीं होते हैं। उनमें बाधाएं आती हैं, तो सूर्य देव की पत्थर या मिट्टी से बनी प्रतिमा घर में रखने से लाभ मिलेगा। सूर्य की तांबे से बनी प्रतिमा रखने से आपके आस-पास सकारात्मकता और घर के सदस्य बीमार नहीं होते हैं। घर में चांदी से बनी सूर्य की प्रतिमा रखने वाले व्यक्ति का समाज में वर्चस्व बढ़ता है।
किस दिशा में लगाएं प्रतिमा
ऊँ भास्कराय नमः या ऊँ आदित्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य की प्रतिमा का पूजन करना चाहिए। इसके बाद सूर्य की प्रतिमा को पूर्व की दिशा में रविवार के दिन सूर्य की होरा में पूजन करके रखना चाहिए।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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