Vastu Tips for Mandir: घर की इस दिशा में बनाएं मंदिर, जानें क्या है वास्तु के नियम?
सनातन धर्म में घर में मंदिर को सही दिशा में बनाने का विशेष महत्व है। क्योंकि मंदिर में भगवान की प्रतिमा और धार्मिक ग्रंथ रखे जाते हैं। मंदिर में सभी देवी-देवता निवास करते हैं। यही वजह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जगह मंदिर मानी जाती है। घर के मंदिर में रोजाना विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में सुख शांति बनी रहती है।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vastu Tips for Mandir: सनातन धर्म में घर में मंदिर को सही दिशा में बनाने का विशेष महत्व है। क्योंकि मंदिर में भगवान की प्रतिमा और धार्मिक ग्रंथ रखे जाते हैं। मंदिर में सभी देवी-देवता निवास करते हैं। यही वजह है कि घर की सबसे महत्वपूर्ण जगह मंदिर मानी जाती है। घर के मंदिर में रोजाना विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और घर में सुख शांति बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में मंदिर के नियम के बारे में भी बताया गया है, जिनका पालन करने से पूजा सफल होती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर मंदिर घर की गलत दिशा में होता है, तो साधक को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं मंदिर से संबंधित के नियम के बारे में।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर को पूर्व दिशा में रखना बेहद शुभ होता है। यह दिशा सूर्य की दिशा होती है, जिससे घर में सकारात्म्क ऊर्जा प्रवेश करती है।
यह भी पढ़ें: Swami Vivekananda Quotes: जीवन जीने की नई राह दिखाते हैं विवेकानंद जी के ये 10 अनमोल विचार
मंदिर में दक्षिण दिशा में भूलकर भी दीपक नहीं जलाना चाहिए। क्योंकि दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा मानी जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से इंसान को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
मंदिर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। मंदिर में गंदगी होने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं और मंदिर में वास नहीं करते हैं।
घर में पूजा करते समय साधक का मुख पश्चिम दिशा में होना शुभ माना जाता है।
घर में मंदिर के पास धार्मिक ग्रंथ, पूजा सामग्री रखनी चाहिए।
रोजाना पूजा के दौरान दीपक और धूप का इस्तेमाल करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। साथ ही घर सुगंधित होता है।
घर में मंदिर के पास बाथरूम नहीं होना चाहिए। अगर बाथरूम पूजा घर के पास में है, तो सदैव उसका गेट बंद रखें।
यह भी पढ़ें: Basant Panchami 2024 Date: कब है बसंत पंचमी? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Author- Kaushik Sharma
डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।