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    Basant Panchami 2024 Date: कब है बसंत पंचमी? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    By Jagran News Edited By: Pravin Kumar
    Updated: Mon, 01 Jan 2024 05:19 PM (IST)

    हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान कला और वाणी की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है।

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    Basant Panchami 2024 Date: कब है बसंत पंचमी? नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली, Basant Panchami 2024 Date: हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान, कला और वाणी की देवी मां सरस्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल इस दिन मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है। आइए जानते हैं बसंत पंचमी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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    बसंत पंचमी की डेट और शुभ मुहूर्त

    पंचांग के मुताबिक, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, बसंत पंचम पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। बसंत पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त 5 घंटे 35 मिनट तक है।

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    बसंत पंचमी पूजा विधि

    • बसंत पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
    • इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल से छिड़काव कर शुद्ध करें।
    • अब मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करें और उन्हें पीले रंग वस्त्र अर्पित करें।
    • अब मां पार्वती को पीले रंग की रोली, अक्षत, श्वेत चंदन, पीले फूल, दीप, गंध अर्पित करें।
    • विधिपूर्वक मां पार्वती की पूजा करें और सरस्वती वंदना का पाठ करें या सुने।
    • इसके बाद मां पार्वती की आरती करें।
    • मां पार्वती को खीर और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल को शामिल करें।
    • अंत में प्रसाद का वितरण करें।

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    Author- Kaushik Sharma

    डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।