Vastu Tips: किस दिशा में सिर रखकर सोने से आती है गहरी नींद, दक्षिण और पूर्व में क्यों नहीं रखें पैर
Vastu Tips For Sound Sleep अगर आपको गहरी नींद नहीं आता है। अगर आप अनिद्रा की परेशानी से जूझ रहे हैं तो आपको किस दिशा में सिर करके सोना चाहिए। अगर आप छात्र या शोधकर्ता हैं या कोई क्रिएटिव काम करते हैं तो आपको किस दिशा में सिर करके सोना चाहिए। जानने के लिए पढ़ें वास्तु शास्त्र में सोने के लिए कौन सी दिशाएं बेहतर हैं।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। दिन भर के काम की थकान के बाद रात में आप बेड पर सोने जाते हैं। उम्मीद रहती है कि एक अच्छी और गहरी नींद अगले दिन के लिए आपको पूरी तरह से चार्ज कर देगी। मगर, कई बार ऐसा नहीं होता है। रात में कई बार नींद टूटती है। या गहरी नींद नहीं आ पाती है।
अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है, तो हो सकता है कि आप जाने-अनजाने में गलत दिशा में सिररखकर सो रहे हों। वास्तु शास्त्र (Vastu Tips For Sound Sleep) में सोने की दिशा के जो नियम बताए गए हैं, वह वैज्ञानिक आधार पर हैं। दरअसल, पृथ्वी का एक चुंबकीय क्षेत्र होता है।
पृथ्वी से निकलने वाली काल्पनिक चुंबकीय रेखाएं उत्तरी दिशा से निकलकर दक्षिणी दिशा में जाती है। यदि इन रेखाओं के साथ हम सामंजस्य बना लेते हैं, तो हमारे रक्त का संचार सही रहता है और गहरी नींद आती है। ऐसा नहीं होने पर नींद पूरी नहीं होती है।
पहले जानिए किस दिशा में नहीं करना है सिर
उत्तर दिशा और पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए। दरअसल, इस दिशा में सोने से पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति आपके खिलाफ होती है, जिससे गहरी और अच्छी नींद नहीं आती है। इससे अगले दिन आपको पूरी ऊर्जा महसूस नहीं होती है।
जब हम सही दिशा में सिर रखकर सोते हैं, तो हमारे शरीर का ऊर्जा संतुलन बना रहता है। ऐसा होने पर स्वास्थ्य अच्छा रहता है और मन में शांति मिलती है। सही दिशा में सोने से तनाव में कमी आती है और आप सकारात्मक ऊर्जा से भरा महसूस करते हैं।
दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोएं
वास्तु शास्त्र (Vastu Tips For Sleep Direction) के अनुसार, दक्षिण दिशा के स्वामी यम देवता होते हैं। कहते हैं कि उस दिशा में पैर करके नहीं सोना चाहिए। विज्ञान के अनुसार देखेंगे, तो पाएंगे कि धरती के चुंबकीय सिद्धांत से सामंजस्य बिठाते हुए सिर को दक्षिण और पैर को उत्तर दिशा में रखकर सोने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह संतुलित रहता है।
जिन लोगों को नींद नहीं आने की परेशानी रहती है, उन्हें विशेष रूप से दक्षिण दिशा में सिर रखकर सोना चाहिए। इससे आपके शरीर के रक्त का प्रवाह पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ सामंजस्य बना लेगा और आपको गहरी नींद आएगी साथ ही तनाव में भी कमी महसूस होगी।
वास्तु के अनुसार, पूर्व दिशा ज्ञान और सफलता की दिशा मानी जाती है। पूर्व दिशा में सिर करके सोने से मानसिक शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं सहित उन लोगों को जिन्हें मानसिक ऊर्जा की जरूत हो और जिन्हें अपनी क्रिएटिविटी को बढ़ाना हो, उन्हें पूर्व की दिशा में सिर करके सोना चाहिए।
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उत्तर दिशा पश्चिम का रखें ध्यान
उत्तर दिशा में सिर रखकर सोने से आप चुंबकीय प्रभाव के विपरीत लेटे होंगे। आपके शरीर की ऊर्जा असंतुलित होगी और आपको सिरदर्द, थकान, और मानसिक तनाव की समस्या हो सकती है। पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोने से भी बचना चाहिए।
दरअसल, पश्चिम दिशा के स्वामी शनि देव हैं। वह पैरों का कारक माने जाते हैं। उस दिशा में सिर करके सोने से मनो रोग, कष्ट और चिंता से आप परेशान हो सकते हैं। लिहाजा, अब जबकि आप जान गए हैं कि किस दिशा में आपको सिर रखकर सोना है, तो अच्छी और गहरी नींद लेने में देर न करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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