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    Vaishakh Purnima 2025: वैशाख पूर्णिमा कब है? इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा

    धार्मिक मत है कि वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima 2025 Date) पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सत्यनारायण पूजा भी की जाती है। भगवान सत्यनारायण जी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

    By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 15 Apr 2025 08:27 PM (IST)
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    Vaishakh Purnima 2025: भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में वैशाख महीने का खास महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें अक्षय तृतीया, वरुथिनी एकादशी और मोहिनी एकादशी प्रमुख हैं। अक्षय तृतीया वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही सोने की खरीदारी की जाती है। वैशाख महीने का समापन पूर्णिमा तिथि पर होता है।

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    धार्मिक मत है कि वैशाख पूर्णिमा पर गंगा स्नान कर भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही अश्वमेघ यज्ञ समान फल मिलता है। आइए, वैशाख पूर्णिमा की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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    वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Vaishakh Purnima 2025 Shubh Muhurat)

    वैदिक पंचांग के अनुसार, 11 मई को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा की शुरुआत होगी। वहीं, 12 मई को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा का समापन होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। 12 मई को वैशाख पूर्णिमा मनाई जाएगी। वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा।

    वैशाख पूर्णिमा शुभ योग (Vaishakh Purnima 2025 Shubh Yog)

    वैशाख पूर्णिमा पर वरीयान योग का संयोग रात भर है। ज्योतिष वरीयान योग को शुभ मानते हैं। इस योग में स्नान-दान और पूजा, जप-तप करने से साधक पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। इसके साथ ही वैशाख पूर्णिमा पर रवि योग और भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

    पंचांग

    • सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 32 मिनट पर
    • सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 03 मिनट पर
    • चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 57 मिनट पर
    • चन्द्रास्त- सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर
    • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 50 मिनट तक
    • विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक
    • गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 02 मिनट से 07 बजकर 23 मिनट तक
    • निशिता मुहूर्त - रात 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।