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    Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर न करें ये गलतियां, वरना बढ़ जाएगी आपकी मुसीबतें

    हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर स्नान-दान करने का खास महत्व माना गया है। इस तिथि पर विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। इसी के साथ अमावस्या तिथि पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए भी काफी उत्तम है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि वैशाख माह की अमावस्या पर आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

    By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 18 Apr 2025 10:36 AM (IST)
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    Vaishakh Amavasya 2025 अमावस्या पर क्या नहीं करना चाहिए?

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख माह में आने वाली अमावस्या को वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2025) कहा जाता है। अमावस्या के दिन कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता है, वरना आपको बुरे परिणाम भी मिल सकते हैं। ऐसे में अगर आप अमावस्या के दिन इस लेख में बताई गई बातों का ध्यान रखते हैं, तो नकारात्मक परिणामों से बचे रह सकते हैं।

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    कब है वैशाख अमावस्या

    पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल को प्रातः 4 बजकर 49 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं अमावस्या तिथि का समापन 28 अप्रैल को देर रात 1 बजे होगा। ऐसे में वैशाख अमावस्या रविवार 27 अप्रैल को मनाई जाएगी।

    (Picture Credit: Freepik)

    भूलकर भी न करें ये काम

    अमावस्या के दिन तामसिक भोजन या शराब आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इसी के साथ इस तिथि पर बाल और नाखून काटने से भी बचना चाहिए। इन कार्यों को अमावस्या के दिन करना बिल्कुल भी शुभ नहीं माना जाता। इसी के साथ अमावस्या के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने की भी मनाही है।

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    न जाएं इन स्थानों पर

    इसी के साथ इस दिन पर किसी तरह के नकारात्मक स्थान जैसे श्मशान घाट या किसी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या तिथि पर नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। ऐसे में ऐसे स्थान पर जाने से नकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।

    ये कार्य होते हैं शुभ

    अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना और दान-पुण्य करना बेहद शुभ माना जाता है। अगर आपके आसपास कोई नदी या तालाब नहीं है, तो इस स्थिति में आप घर पर पानी में थोड़ा-सा गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी आपको शुभ परिणाम मिलते हैं। साथ ही इस दिन पर पिंड दान और श्राद्ध कर्म करने से जातक को पितरों की कृपा मिल सकती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।