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    Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर पितरों के लिए इस नियम से जलाएं दीपक, नोट करें जगह और महत्व

    वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2025) पितरों के लिए समर्पित है। इस साल यह 29 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन पितरों के लिए दीपक जलाएं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पितरों की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 26 Apr 2025 05:04 PM (IST)
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    Vaishakh Amavasya 2025: दीपक जलाने का नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख मास की अमावस्या हर साल भाव के साथ मनाई जाती है। इस साल यह 29 अप्रैल, 2025 को पड़ रही है। यह दिन पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन (Vaishakh Amavasya 2025) किए गए श्राद्ध कर्म, तर्पण और दान-पुण्य का विशेष महत्व रखते हैं।

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    वहीं, इस मौके पर पितरों के निमित्त दीपक जलाना भी बहुत फलदायी माना जाता है। हालांकि इसके लिए सही नियम और स्थान की जानकारी होनी चाहिए, तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

    दीपक जलाने का नियम (Vaishakh Amavasya Deepak Niyam)

    वैशाख अमावस्या को शाम के समय पितरों के लिए दीपक जलाना उत्तम माना जाता है। दीपक जलाने के लिए मिट्टी का दीया सबसे शुभ होता है। अगर मिट्टी का दीपक उपलब्ध न हो तो आप किसी अन्य धातु के दीपक का भी प्रयोग कर सकते हैं। दीपक में सरसों का तेल या तिल का तेल प्रयोग करना चाहिए।

    सबसे पहले रुई की बत्ती बनाकर उसे तेल में डुबोएं और फिर दीपक को प्रज्वलित करें। दीपक जलाते समय अपने पितरों का ध्यान करें और उनकी शांति एवं मोक्ष की कामना करें।

    दीपक जलाने का स्थान ( Deepak Jalane Ki Sahi Jagah)

    • घर की दक्षिण दिशा - दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है। इसलिए वैशाख अमावस्या की शाम को घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत लाभकारी माना जाता है। आप इसे घर के आंगन में छत पर या दक्षिण दिशा की दीवार के पास रख सकते हैं।
    • तुलसी के पौधे के पास - हिंदू धर्म में तुलसी के पौधा को बहुत पूजनीय माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से पितरों को शांति मिलती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
    • पीपल के वृक्ष के नीचे - ऐसा माना जाता है कि पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। ऐसे में आपके आसपास पीपल का वृक्ष हो तो वैशाख अमावस्या की शाम उसके नीचे दीपक जरूर जलाएं। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
    • खाली जगह - घर के किसी ऐसे स्थान पर जहां कोई आवाजाही न हो, वहां भी पितरों के लिए दीपक जलाया जा सकता है। यह शांत स्थान पितरों की आत्मा को शांति देता है।

    दीपक जलाने का धार्मिक महत्व (Vaishakh Amavasya Diya Lighting Significance)

    ऐसा माना जाता है कि दीपक की रोशनी पितरों को अपने लोक की ओर जाने में मदद करती है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे खुश होते हैं। इसके साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नियमित रूप से पितरों के लिए दीपक जलाने से कुंडली में मौजूद पितृदोष का प्रभाव कम होता है और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। यही नहीं परिवार में उन्नति, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।