Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Sita Navami 2025: सीता नवमी पर मां जानकी को लगाएं ये दिव्य भोग, घर में कभी नहीं होगी अन्न-धन की कमी

    सीता नवमी का दिन बहुत पावन माना जाता है। इस तिथि पर माता सीता का अवतरण धरती पर हुआ था। हिंदू पंचांग के आधार पर यह पर्व हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है। इस साल यह पर्व (Sita Navami 2025) 5 मई को मनाया जाएगा तो यहां माता जानकी के प्रिय भोग के बारे में जानते हैं जो इस प्रकार हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 25 Apr 2025 09:23 AM (IST)
    Hero Image
    Sita Navami 2025: सीता नवमी के भोग।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख मास में मनाया जाने वाला सीता नवमी का पर्व माता सीता के जन्म का प्रतीक है। हिंदू पंचांग गणना के आधार पर इस साल सीता नवमी का व्रत 5 मई को रखा जाएगा। इस दिन (Sita Navami 2025) सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं और माता जानकी की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं। कहा जाता इस दिन श्रद्धापूर्वक माता सीता की पूजा करने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वहीं, इस दिन देवी की कृपा पाने के लिए उन्हें विशेष भोग अर्पित किए जाते हैं। ये दिव्य भोग न केवल माता को प्रिय हैं बल्कि इनका धार्मिक महत्व भी है, तो आइए जानते हैं -

    देवी सीता को लगाएं ये भोग (Sita Navami 2025 Bhog List)

    • चावल की खीर - सीता नवमी पर केसर डालकर चावल की खीर बनाएं और उसे माता जानकी को अर्पित करें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होगा।
    • मखाने की खीर - मखाने की खीर व्रत रखने वालों के लिए बहुत उत्तम मानी जाती है। सीता नवमी के दिन माता को मखाने की खीर का भोग लगाने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है।
    • नारियल के लड्डू - नारियल पवित्रता और शुभता का प्रतीक है। नारियल के लड्डू माता सीता को बहुत प्रिय हैं। इनका भोग लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
    • पंजीरी - पंजीरी एक पारंपरिक प्रसाद है। सीता नवमी पर पंजीरी का भोग लगाने से घर में बरकत बनी रहती है।
    • ऋतु फल - इस दिन माता सीता को फल और मेवे भी अर्पित किए जाते हैं। इनमें केला, अनार, सेब और विभिन्न प्रकार के सूखे मेवे शामिल किए जा सकते हैं। यह भोग सात्विक और शुद्ध माना जाता है।

    भोग लगाने की विधि (Sita Navami 2025 Bhog Vidhi)

    सीता नवमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें फूल, अक्षत, कुमकुम और सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें। इसके बाद तैयार किए गए दिव्य भोग माता के समक्ष रखें और श्रद्धाभाव से प्रार्थना करें। भोग अर्पित करने के बाद इसे परिवार के सदस्यों व अन्य लोगों में बांटें। सीता नवमी का दिन माता जानकी की कृपा पाने का शुभ अवसर है।

    इस दिन भक्ति भाव से उनकी पूजा-अर्चना करें और उन्हें प्रिय भोग अर्पित करें। ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न और धन की कमी नहीं होगी। इसके साथ ही माता सीता का आशीर्वाद मिलेगा।

    यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर जरूर करें इस चमत्कारी कथा का पाठ, जीवन में बनी रहेगी सुख-शांति

    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।