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    Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय, कुंडली से समाप्त होगा पितृदोष

    वैशाख अमावस्या पितृदोष से मुक्ति पाने और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल यह तिथि 29 अप्रैल को पड़ रही है जो पितरों को समर्पित है। इस दिन (Vaishakh Amavasya 2025) श्रद्धापूर्वक किए गए कुछ उपाय से न केवल पितरों को शांति मिलती है बल्कि आपके जीवन में आ रही सभी बाधाओं का अंत होता है तो चलिए जानते हैं।

    By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 25 Apr 2025 10:53 AM (IST)
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    Vaishakh Amavasya 2025: पितृदोष निवारण के अचूक उपाय ।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैशाख माह की अमावस्या तिथि का सनातन धर्म में खास महत्व है। इस साल यह तिथि 29 अप्रैल को पड़ रही है। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। इस दिन (Vaishakh Amavasya 2025) लोग अपने पितरों की मुक्ति के लिए तर्पण, पिंडदान और अन्य श्राद्ध कर्म करते हैं। ऐसी मान्यता है कि वैशाख अमावस्या पर किए गए कुछ विशेष उपायों से कुंडली में मौजूद पितृदोष दूर होता है, जिससे जीवन में आ रही बाधाएं खत्म होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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    पितृदोष के कारण (Reason of Pitru Dosha)

    पितृदोष कुंडली तब बनता है, जब पितृ अप्रसन्न होते हैं या उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है। इस वजह से व्यक्ति को जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे - ''विवाह में देरी, संतान प्राप्ति में बाधा, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य समस्याएं और पारिवारिक कलह'' आदि। अमावस्या का दिन पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

    पितृदोष निवारण के अचूक उपाय (Pitru Dosha Remedies)

    तर्पण और पिंडदान

    इस दिन किसी पवित्र नदी के किनारे अपने पितरों के निमित्त तर्पण करें। जल में काला तिल, जौ और कुशा मिलाकर पितरों का ध्यान करते हुए उन्हें अर्पित करें। अगर संभव हो तो उनका पिंडदान भी करें। इससे पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है।

    श्राद्ध कर्म

    वैशाख अमावस्या पर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें वस्त्र, दक्षिणा आदि दान करें। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

    पीपल के पेड़ की पूजा

    इस दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं और उसकी परिक्रमा करें। कहा जाता है कि पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है और इसकी पूजा करने से पितृदोष का प्रभाव कम होता है।

    दान-पुण्य

    क्षमता अनुसार जरूरतमंद लोगों को भोजन, वस्त्र, अनाज व धन का दान करें। ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं।

    पितृ स्तोत्र का पाठ

    वैशाख अमावस्या के दिन पितृ स्तोत्र, पितृ सूक्त का पाठ करें। इससे पितरों की कृपा मिलती है। इसके साथ ही कुंडली में मौजूद पितृदोष का असर कम होता है।

    दीपक जलाएं

    शाम के समय घर की दक्षिण दिशा में पितरों के नाम का दीपक जलाएं। इससे घर में बरकत बनी रहती है।

    पशु-पक्षियों को दाना डालें

    इस दिन गाय, कुत्ते, कौवे और अन्य पशु-पक्षियों को भोजन कराएं। कहा जाता है कि इनके माध्यम से पितरों तक भोजन पहुंचता है और वे तृप्त होते हैं।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।