Tortoise Ring किन लोगों को धारण करनी चाहिए कछुए की अंगूठी, पहनने से पहले जरूर जान लें नियम
वास्तु शास्त्र और फेंगशुई में कछुए को सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। ऐसे में कुछ लोग अपने घर में कछुए की मूर्ति या फिर कछुआ पालना भी पसंद करते हैं। वहीं कुछ लोग कछुए की अंगूठी भी धारण करते हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं इस अंगूठी को धारण करने के कुछ नियम ताकी आपको इसका पूर्ण लाभ मिल सके।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आपने कई लोगों को कछुए की अंगूठी (Tortoise Ring Wearing Rule) पहने देखा होगा। यह केवल फैशन के लिए नहीं पहनी जाती, बल्कि इसे नियमों के अनुसार, धारण किया जाए, तो इससे साधक को जीवन में काफी लाभ देखने को मिल सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इस अंगूठी को धारण करने से संबंधित कुछ नियम।
किन लोगों को पहननी चाहिए अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कर्क, वृश्चिक, कन्या, और मीन राशि के जातकों के लिए कछुए की अंगूठी पहनना ज्यादा शुभ माना गया है। वहीं रत्न शास्त्र में यह माना गया है कि मकर और वृषभ राशि के लोगों के लिए कछुए की अंगूठी धारण करना शुभ होता है।
इस विधि से धारण करें
अंगूठी पहनने से पहले उसे गंगाजल और दूध में डुबोकर शुद्ध कर लें। इसके बाद इस अंगूठी को माता लक्ष्मी के चरणों में अर्पित करें और विधिवत रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। इस दौरान श्री सूक्त का पाठ भी करें। इसके बाद अंगूठी को सीधे हाथ में मध्यमा (बीच वाली उंगली) या फिर तर्जनी उंगली (अंगूठे के साथ वाली उंगली) में पहनें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी तरफ होना चाहिए।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
चांदी से बनी कछुए की अंगूठी (kachue ki anguthi) ज्यादा शुभ मानी जाती है। इसी के साथ शुक्रवार के दिन इस अंगूठी को धारण करना शुभ माना गया है। इससे साधक पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है।
मिलते हैं ये लाभ
अगर आप नियमों के अनुसार, कछुए की अंगूठी को धारण करते हैं, तो इससे आपको जीवन में कई तरह के लाभ देखने को मिलते हैं। इससे जातक का मन शांत बना रहता है। साथ ही इस अंगूठी को धारण करने से जीवन में आ रही बाधाएं भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं और जातक के लिए उन्नति के योग बनने लगते हैं।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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