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    Surya Arghya: सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान, जानें सही पूजा-विधि

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi Dwivedi
    Updated: Sun, 29 Oct 2023 07:00 AM (IST)

    Surya Arghya प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में सूर्य देव को जल चढ़ाने की प्रथा बहुत महत्वपूर्ण रही है। अर्घ्य देने के सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख वेदों और हिंदू धर्मग्रंथों में किया गया है। माना जाता है कि अर्ध्य देने से कुंडली से सूर्य का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाता है।

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    Surya Arghya

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Surya Arghya: सनातन धर्म में भगवान सूर्य की उपासना को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है, जो लोग इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करते हैं, उन्हें राज सुख प्राप्त होता। भगवान सूर्य नारायण की पूजा में जल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है।माना जाता है कि अर्घ्य देने से कुंडली से सूर्य का बुरा प्रभाव भी समाप्त होता है। इसके अलावा तार्किक विज्ञान के विषय में, सूर्य हमारी मूलभूत आवश्यकताओं का शाश्वत स्रोत हैं, यही कारण है कि लोग उनकी पूजा करते हैं।

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    प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में सूर्य देव को जल चढ़ाने की प्रथा बहुत महत्वपूर्ण रही है। अर्घ्य देने के सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख वेदों और हिंदू धर्मग्रंथों में किया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य देव अन्य सभी ग्रहों पर अपना आधिपत्य रखते हैं।

    यह महिमा, बुद्धि, नाम, ज्ञान, शक्ति, अधिकार और बल का भी प्रतिनिधित्व करता है, जो एक शासक के लिए उचित गुण हैं। वहीं सूर्य को जल चढ़ाना लोगों को आसान तो काफी लगता है, लेकिन कई सारे लोग इसमें भी ऐसी गलतियां करते हैं, जिसका असर उनके जीवन पर काफी बुरा पड़ता है।

    सूर्य देव को अर्घ्य देते समय इन बातों का रखें ध्यान

    • सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
    • अर्घ्य देते समय जूते या चप्पल न पहनें।
    • अर्घ्य देने से पहले जल में कुछ फूल, अक्षत डाल लें।
    • पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाएं।
    • सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय माना गया है।
    • जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें।
    • सूर्य देव से हार्दिक प्रार्थना करें।
    • अंत में सम्मान और विनम्रता के संकेत के रूप में उनके प्रति झुककर प्रार्थना समाप्त करें।

    सूर्य अर्घ्य मंत्र

    ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः

    ॐ सूर्याय नम:

    ॐ घृणि सूर्याय नम:

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।