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    Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण के दौरान बंद रहेंगे बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर, जानें कब खुलेंगे कपाट ?

    Lunar Eclipse 2023 चंद्र ग्रहण के दौरान बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर को शनिवार यानी आज शाम चार बजे तक बंद करने का फैसला लिया है। चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पूर्व सूतक काल भी लग रहा है जिसमें पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है।

    By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 28 Oct 2023 09:39 AM (IST)
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    Lunar Eclipse 2023

    नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क।Chandra Grahan 2023: सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और चंद्रमा की पूजा का विधान है। इस दिस दिन साल 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। चंद्र ग्रहण देश (Lunar Eclipse 2023 in India) के कई अन्य शहरों में देखा जा सकेगा। ऐसे में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने मंदिर को शनिवार यानी आज शाम चार बजे तक बंद करने का फैसला लिया है।

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    चंद्र ग्रहण के नौ घंटे पूर्व सूतक काल भी लग रहा है, जिसमें पूजा-पाठ करना वर्जित माना गया है। इसलिए पवित्र धाम बदरीनाथ और केदारनाथ को शाम 4 बजे तक बंद किया जाएगा।

    बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति

    सूतक काल के दौरान किसी भी भगवान की पूजा अशुभ मानी गयी है, ऐसे में बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के तहत जितने भी मंदिर आएंगे उन्हें बंद रखा जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों मंदिरों को 29 अक्टूबर की सुबह खोले जाएंगे।

    चंद्र ग्रहण से जुड़ी अहम बातें

    चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2023) जब पूर्णिमा चरण में होता है। उस दौरान पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के ठीक बीच में स्थित होती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है, ऐसे मे चंद्रमा की सतह बिल्कुल धुंधली हो जाती है और कभी-कभी कुछ घंटों के दौरान चंद्रमा की सतह एकदम लाल हो जाती है। बता दें, प्रत्येक चंद्र ग्रहण पृथ्वी के आधे भाग से दिखाई देता है।

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    डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।